Sambalpur News: नीति आयोग के पूर्व सीइओ और जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने बुधवार को डेब्रिगढ़ वन्यजीव अभयारण्य का दौरा किया और वहां की कानून व्यवस्था की जमकर सराहना की. अमिताभ कांत ने देबरीगढ़ इको-टूरिज्म में कार्यरत स्थानीय लोगों, विशेषकर महिलाओं से बातचीत की तथा उनके सामाजिक और आर्थिक विकास के बारे में जानकारी प्राप्त की. उन्होंने इको-पर्यटन प्रणाली की भी प्रशंसा की.
वर्ष 2024-25 में 5.11 करोड़ का राजस्व अर्जित किया गया
विदित हो कि डेब्रिगढ़ इकोटूरिज्म ने 2024-25 में 5.11 करोड़ रुपये का अधिकतम राजस्व अर्जित किया है. जबकि लगभग 85 परिवार अपनी आजीविका के लिए इस जंगल पर निर्भर हैं. 45% महिलाओं को रोजगार मिल गया है. इको टूरिज्म नियमों के अनुसार, लाभ का 35% स्थानीय समुदायों के बीच उनकी मजदूरी के रूप में वितरित किया जाता है. इसी प्रकार, आवर्ती व्यय के लिए 25%, बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10%, ग्राम विकास के लिए 10%, समुदाय के सदस्यों के प्रशिक्षण और कौशल विकास के लिए 20%, कॉर्पस फंड के लिए 20% दिया गया है. परिणामस्वरूप 100% राजस्व समुदाय को वापस चला जाता है. इससे वन्यजीव प्रबंधन में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित हुई है. पर्यटकों के लिए जंगल सफारी, हीराकुद कुंज, प्रशिक्षण, पैदल यात्रा, कयाकिंग, वन्य जीव कथावाचन कार्यक्रम और रात्रि विश्राम के लिए 20 कॉटेज जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं.
पश्चिमी ओडिशा का समग्र विकास किये जाने की है जरूरत : अमिताभ कांत
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है