Bhubaneswar News: कांग्रेस में आज भी सामंतवादी, तानाशाही और अहंकारपूर्ण मानसिकता : धर्मेंद्र प्रधान

Bhubaneswar News: भुवनेश्वर में आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर भाजपा की संगोष्ठी आयोजित हुई. इसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने हिस्सा लिया.

By BIPIN KUMAR YADAV | June 26, 2025 11:37 PM
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Bhubaneswar News: आपातकाल का मूल कारण था इंदिरा गांधी का अपने परिवार के प्रति मोह. मैं, मेरा पुत्र संजय गांधी और परिवार ही देश को चलायेंगे. आज भी कांग्रेस के पास वही सामंतवादी, तानाशाही और अहंकारी सोच बनी हुई है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को भुवनेश्वर में भाजपा की ओर से आयोजित ‘कांग्रेस द्वारा लोकतंत्र पर कुठाराघात: इतिहास की 50 वर्षों की कहानी’ विषय पर संगोष्ठी में यह बात कही.

लाखों देशभक्तों ने जो पीड़ा सही, वह इतिहास का अमिट हिस्सा

आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित इस संगोष्ठी में श्री प्रधान ने कहा कि 25 जून 1975 को भारत के लोकतंत्र पर कांग्रेस द्वारा थोपा गया आपातकाल एक काला अध्याय है, जिसे देश कभी भुला नहीं सकता. लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए उस अंधकारमय समय में लाखों देशभक्तों ने जो पीड़ा और अत्याचार सहा, वह इतिहास का अमिट हिस्सा है. आपातकाल लागू होने के बाद आम भारतीय नागरिक की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचल दिया गया और मीडिया की स्वतंत्रता पर भी अंकुश लगा दिया गया. लोगों को जबरन नसबंदी का शिकार बनाया गया. हर विरोधी नेता को बदले की भावना से गिरफ्तार कर जेलों में बंद किया गया और उन पर अमानवीय अत्याचार किये गये. ओडिशा की भूमि के महान नेता डॉ हरेकृष्ण महताब, स्वतंत्रता सेनानी नवकृष्ण चौधुरी, मालती चौधुरी, पवित्र मोहन प्रधान, पत्रकार राधानाथ रथ, विश्वभूषण हरिचंदन और हरिशचंद्र बक्सिपात्र आदि इंदिरा गांधी की तानाशाही, असहिष्णु और प्रतिशोधात्मक नीतियों का शिकार बने. यहां तक कि किशोर कुमार जैसे लोकप्रिय गायक के गीतों का प्रसारण भी ऑल इंडिया रेडियो पर रोक दिया गया था. उस समय यह परिवार इतना असहिष्णु हो गया था कि असहमति बर्दाश्त ही नहीं थी. यह थी सामंतवादी मानसिकता. इंदिरा गांधी की तानाशाही नीतियों ने भारतीय लोकतंत्र पर एक स्थायी काला दाग छोड़ दिया.

ओयूएटी परिसर में प्रदर्शनी का उद्घाटन किया

आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर, मैं उन महापुरुषों को नमन करता हूं, जिन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष और बलिदान दिया. इस अवसर पर श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आपातकाल की काली स्मृति की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भुवनेश्वर स्थित ओयूएटी परिसर में आयोजित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित भी किया. भुवनेश्वर ओयूएटी कैंपस परिसर में ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान के तहत उन्होंने पौधरोपण भी किया.

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