Bhubaneswar News: ओडिशा कैबिनेट ने 6,100 करोड़ रुपये की शहरी विकास योजना को मंजूरी दी

Bhubaneswar News: ओडिशा कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री मोहन माझी की अध्यक्षता में हुई. इसमें पांच प्रस्ताव पेश किये गये, जिनमें से चार को मंजूरी दी गयी.

By BIPIN KUMAR YADAV | June 7, 2025 4:00 AM
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Bhubaneswar News: ओडिशा कैबिनेट ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के लिए 6,100 करोड़ रुपये सहित पांच में से चार प्रस्तावों को मंजूरी दे दी. इन प्रमुख निर्णयों का उद्देश्य शहरी बुनियादी ढांचे को उन्नत करना, जैव प्रौद्योगिकी नवाचार को बढ़ावा देना, सिंचाई का विस्तार करना और भूमि पर प्रीमियम शुल्क माफ करके केंद्रीय नारकोटिक्स संचालन का समर्थन करना है. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में आयोजित ओडिशा कैबिनेट की बैठक के दौरान प्रस्तुत किये गये कुल पांच प्रस्तावों में से चार को मंजूरी दे दी गयी.

शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में आयेगा सुधार

इनमें से प्रमुख शहरी विकास योजना है, जिसके लिए 6,100 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार और रोजगार के अवसर पैदा करना है. कैबिनेट ने जैव प्रौद्योगिकी और जीव विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख योजना को भी मंजूरी दी, जिसके कार्यान्वयन के लिए पांच सालों में 1,113.5 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इस पहल से पूर्वी भारत में उभरते बायोटेक हब के रूप में ओडिशा की स्थिति को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

एनसीबी का 2.6 करोड़ रुपये से अधिक का भूमि अधिशुल्क माफ करने का निर्णय

राज्य सरकार ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के लिए 2.6 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त भूमि अधिशुल्क माफ करने का फैसला किया, जिसे चंद्रशेखरपुर, भुवनेश्वर में 0.644 एकड़ जमीन आवंटित की गयी है. इस कदम का उद्देश्य ब्यूरो के क्षेत्रीय संचालन के तेजी से विस्तार को सुविधाजनक बनाना है. सिंचाई क्षेत्र में, कैबिनेट ने छेलीगाड़ा सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी, जिसमें एक कंक्रीट बांध और एक नहर प्रणाली का निर्माण शामिल है. 151 करोड़ रुपये के बजट वाली इस परियोजना से 6,260 हेक्टेयर भूमि को सुनिश्चित सिंचाई के तहत लाने की उम्मीद है. ये परियोजनाएं आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने, शहरी जीवन स्तर में सुधार करने और ओडिशा में सभी क्षेत्रों में सहायक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार की बहुआयामी रणनीति को दर्शाती हैं. कैबिनेट ने 17 उप-योजनाओं और कार्यक्रमों वाली एक व्यापक योजना को मंजूरी दी है.

औद्योगिक नीति से शिक्षा व अनुसंधान के बीच सहयोग को मिलेगा बढ़ावा

एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अपार संभावनाओं को पहचानते हुए, ओडिशा सरकार ने अपने औद्योगिक नीति संकल्प (आइपीआर)-2022 में जैव प्रौद्योगिकी को एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में पहचाना है, जिसके लिए कुशल कार्यबल, अनुसंधान और नवाचार, अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा, उद्योगों, स्टार्टअप और इनक्यूबेटरों में लक्षित प्रोत्साहन की आवश्यकता होगी. यह योजना समाज को लाभ पहुंचाने के लिए उद्योग, शिक्षा और अनुसंधान के बीच सहयोग को बढ़ावा देगी और उद्योग, कृषि, चिकित्सा और पर्यावरण सहित विभिन्न क्षेत्रों में जैव प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के लिए विशाल अवसर खोलेगी. ओडिशा जैव प्रौद्योगिकी नीति-2024 के लागू होने के साथ, यह योजना उत्पाद और सेवा विकास के लिए उन्नत बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करेगी, जिससे ओडिशा एक ज्ञान-संचालित जैव-अर्थव्यवस्था बन जायेगा और राज्य की समग्र आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देगा.

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