Sambalpur News: महानदी का पानी हुआ दूषित, धनुपाली में 40 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट आज तक नहीं हुआ चालू

Sambalpur News: सात नालियों का पानी बिना ट्रीटमेंट के महानदी में छोड़ा जा रहा है. जिससे पानी दूषित हो गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 28, 2025 12:12 AM
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Sambalpur News: कभी संबलपुर जिले की लाइफलाइन रही महानदी अब नाला बन गयी है. जैसे-जैसे जल प्रवाह कम होता जाता है, महानदी अपनी सफाई की क्षमता खोती जा रही है. इसके अलावा नाले का पानी बिना किसी उपचार के सीधे महानदी में मिल रहा है, जिससे यह इस्तेमाल लायक नहीं रह जाता है. धनुपाली में वर्ष 2014 में बना 40 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट आज तक चालू नहीं हो पाया है. क्योंकि पंपिंग स्टेशन का निर्माण नहीं किया जा रहा है. स्थिति यह हो गयी है कि महानदी नदी को कई वर्षों से ‘सी’ श्रेणी में रखा गया है. महानदी की स्थिति के संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह जानकारी दी है.

विभिन्न स्थानों से पानी के नमूने संग्रह करता है प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

महानदी नदी ओडिशा में 494 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करती है. संबलपुर में बहने वाली महानदी के विभिन्न स्थानों जैसे अयोध्या सरोवर के पास धमा और विसूट के पास घाट से पानी के नमूने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एकत्रित करता है और उनका परीक्षण करता है. इसके अलावा पावर चैनल और हीराकुद जलाशय से नियमित रूप से पानी के नमूने लेकर उनका परीक्षण किया जाता है. संबलपुर शहर से एकत्र किये गये जल के नमूने धमा से भी अधिक प्रदूषित हैं. इसका मुख्य कारण है कि संबलपुर शहर के 5 किलोमीटर क्षेत्र में फैली दुर्गापाली, मंडालिया, बालीबांधा और हरदजोर समेत सात छोटी नालियों का अपशिष्ट जल सीधे महानदी में बह रहा है. गर्मियों के दौरान जब हीराकुद जलाशय से पानी की निकासी कम हो जाती है, तो महानदी का पानी और भी प्रदूषित हो जाता है. सूखी महानदी में यह स्थिति पिछले कुछ वर्षों से देखी जा रही है. विशेषज्ञों के अनुसार, जहां संपूर्ण महानदी की स्थिति ‘सी’ श्रेणी में बतायी गयी है, वहीं शहर के निचले इलाकों में इसे पहले ही ‘डी’ या ‘ई’ श्रेणी में वर्गीकृत किया जा चुका है. इसके अलावा खुले में शौच करने से यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है. अदालत ने नगरपालिका के खिलाफ मामला दर्ज किया है और महानदी में सीधे कचरा डालने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसके बावजूद सरकार सचेत नहीं है तथा इसे सुधारने के लिए कदम नहीं उठा रही है. वहीं बालीबांधा में महानदी पर चेक डैम के निर्माण से पानी का प्रवाह और भी सीमित हो गया है.

जल प्रवाह पर प्रतिबंध के कारण महानदी की शुद्धीकरण क्षमता हुई प्रभावित

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी सत्यनारायण नंदा के अनुसार हर नदी की तरह महानदी की भी अपनी शुद्धीकरण क्षमता है. लेकिन जल प्रवाह के प्रतिबंध के कारण इसका पानी शुद्ध नहीं हो पाता. विशेषज्ञों के अनुसार महानदी के पानी में विषाक्तता के कारण संबलपुर में हेपेटाइटिस, पीलिया और डायरिया जैसी जल जनित बीमारियां बढ़ रही हैं. पीलिया के कारण कई लोगों की मृत्यु होने के बाद वर्ष 2014 में एक सीवेज उपचार संयंत्र का निर्माण किया गया था. हालांकि यह चालू नहीं है, क्योंकि पंपिंग स्टेशन का निर्माण नहीं किया जा रहा है. सरकार से इस दिशा में प्रभावी पहल की मांग हो रही है.

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