Table of Contents
- Odisha News: गोपबंधु आयुर्वेद महाविद्यालय का 75वां स्थापना दिवस समारोह
- योग से जुड़कर आजीवन रह सकते हैं रोगमुक्त
- आदिवासियों को है रोगों के उपचार का विशेष ज्ञान
- विलुप्त होते पारंपरिक ज्ञान को बचाने की जरूरत
- संग्रहालय में रखी ताड़पत्र पांडुलिपियों पर भी ध्यान दें अनुसंधानकर्ता
- उपचार पद्धति को लोगों के सामने लाएं छात्र – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
Odisha News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को ‘रोग मुक्त रहने के लिए योग युक्त रहने’ का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि संतुलित आहार अपनाकर हम स्वस्थ रह सकते हैं. योग बीमारियों को दूर रखने में मदद कर सकता है.
Odisha News: गोपबंधु आयुर्वेद महाविद्यालय का 75वां स्थापना दिवस समारोह
आयुर्वेद में कई असाध्य रोगों का इलाज उपलब्ध होने का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि विद्यार्थी आयुर्वेद में सघन अनुसंधान करें. अब दुनियाभर में लोग योग और आयुर्वेद सीखने के इच्छुक हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुरी के गोपबंधु आयुर्वेद महाविद्यालय के 75वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहीं थीं.
योग से जुड़कर आजीवन रह सकते हैं रोगमुक्त
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अवसर पर कहा कि योग और प्रकृति से जुड़कर व्यक्ति आजीवन रोगमुक्त रह सकता है. राष्ट्रपति ने आयुर्वेद के विद्यार्थियों से अनुसंधान करने का आह्वान करते हुए कहा कि अनुसंधान किसी भी पद्धति को वैज्ञानिक आधार देने में सक्षम है.
आदिवासियों को है रोगों के उपचार का विशेष ज्ञान
उन्होंने कहा कि सबूत से लोगों में विश्वास का वातावरण बनता है और इसी विश्वास से स्वीकार्यता बढ़ती है. उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ खास रोगों के उपचार के लिए आदिवासियों के बीच प्रचलित उपचार पद्धति की जानकारी है. जनजातीय बुजुर्ग विभिन्न बीमारियों और उनके इलाज के लिए आवश्यक जड़ी-बूटियों के बारे में जानते हैं.
विलुप्त होते पारंपरिक ज्ञान को बचाने की जरूरत
ओडिशा के मयूरभंज जिले के संताल समुदाय से जुड़ीं मुर्मू ने कहा कि पारंपरिक ज्ञान धीरे-धीरे विलुप्त हो रहे हैं. वह आशा करती हैं कि कुछ छात्रों को उस उपचार के वैज्ञानिक आधार को खंगालने में दिलचस्पी होगी. ऐसा करके इस पद्धति को विलुप्त होने से बचाया जा सकता है. यह समाज के लिए लाभप्रद भी हो सकता है.
संग्रहालय में रखी ताड़पत्र पांडुलिपियों पर भी ध्यान दें अनुसंधानकर्ता
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि वह विद्यार्थियों एवं अनुसंधानकर्ताओं का ध्यान राज्य संग्रहालय में संजोकर रखी गयी ताड़पत्र पांडुलिपियों की ओर आकृष्ट कराना चाहेंगी. इनमें आयुर्वेद के बारे में कई सूचनाएं हैं. यहां तक कि कई लोगों के घरों में भी ताड़पत्र पांडुलिपियां हैं.
उपचार पद्धति को लोगों के सामने लाएं छात्र – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
उन्होंने कहा कि साहित्य के अलावा ताड़पत्र पांडुलिपियों में चिकित्सा पद्धतियों का विवरण है. इस दिशा में वे आशा करती हैं कि छात्र अनुसंधान कर इस छिपी हुई उपचार पद्धति को लोगों के सामने लाने की चेष्टा करेंगे. कार्यक्रम को ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और अन्य ने भी संबोधित किया.
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