Bhubaneswar News: लोकसेवा भवन में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से ओडिशा आदिवासी महासंघ के पदाधिकारियों और सदस्यों ने गुरुवार को भेंट की. इस अवसर पर उन्होंने आदिवासी समुदाय की विभिन्न समस्याओं और उनके सामूहिक विकास को लेकर विस्तृत चर्चा की. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों का सर्वांगीण विकास राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा समाज के चार प्रमुख वर्गों में जिनका उल्लेख किया गया है, उनमें सबसे पहले गरीबों का नाम आता है और आदिवासी समुदाय भी उनमें शामिल हैं.
आदिवासियों के विकास के लिए केंद्र सरकार चला रही कई योजनाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि आदिवासियों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं और राज्य सरकार भी इस दिशा में विशेष रूप से प्रयासरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने आदिवासियों की आजीविका के साथ-साथ उनकी शिक्षा के क्षेत्र में भी कई कदम उठाये हैं. साथ ही, उन्होंने घोषणा की कि आदिवासी क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए बहुत जल्द उत्तर ओडिशा विकास परिषद और दक्षिण ओडिशा विकास परिषद का गठन किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज से कुरीतियों को दूर करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और महासंघ को इस दिशा में कार्य करने की सलाह दी. उन्होंने यह भी कहा कि संवाद के माध्यम से हर समस्या का समाधान संभव है. इस बैठक में अनुसूचित जनजाति एवं जाति कल्याण मंत्री नित्यानंद गंड, नवरंगपुर विधायक गौरी शंकर माझी, महासंघ के अध्यक्ष कर्मा लाकड़ा, महासचिव शरत चंद्र नायक और लगभग 11 जिलों के सदस्य उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के साथ महानदी जल विवाद के सौहार्दपूर्ण समाधान पर जोर दिया
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बुधवार को कहा कि महानदी जल बंटवारे को लेकर पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के साथ जारी विवाद को केंद्र के सहयोग से दोनों राज्यों के बीच बातचीत के जरिये सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जा सकता है. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी. राज्य सचिवालय लोकसेवा भवन में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में माझी ने छत्तीसगढ़ के साथ महानदी जल विवाद के समाधान पर जोर दिया. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में माझी के हवाले से कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि केंद्रीय जल आयोग में समस्या के समाधान के लिए किए जा रहे प्रयास धीमी गति से आगे बढ़ रहे हैं, इसलिए केंद्र सरकार के सहयोग से दोनों राज्यों के बीच बातचीत के जरिये इसे सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जा सकता है. माझी ने कहा कि केंद्रीय जल आयोग वार्ता में तकनीकी सहायता प्रदान कर सकता है. उन्होंने कहा कि इससे ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद का समाधान होगा और दोनों राज्यों के बीच संबंध बेहतर होंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है