Rourkela News: राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी ने फिर दोहराया है कि राउरकेला इस्पात संयंत्र के अधीन ज्यादातर जमीन रहने के कारण राउरकेला का सामग्रिक विकास नहीं हो पा रहा है. राजस्व मंत्री ने कहा कि आरएसपी को 30 हजार एकड़ से अधिक जमीन दी गयी थी, लेकिन इस्तेमाल महज सात से आठ हजार एकड़ जमीन का ही हुआ है. बाकी जमीन या तो बगैर इस्तेमाल के पड़ी है या फिर अवैध कब्जे में हैं. ऐसे में शहर का विस्तारीकरण प्रभावित हो रहा है.
बैठक में आरएसपी से जमीन लौटाने के लिए की गयी बात
शहर के विस्तार के लिए जमीन की जरूरत है और सच्चाई यह है कि जमीन राउरकेला में है नहीं. ऐसे में बुनियादी ढांचे का विकास कैसे होगा. यह गंभीर विषय है लिहाजा आरएसपी प्रबंधन को बुलाया गया, ताकि इस पर चर्चा कर कोई रास्ता निकाला जाये. संबंधित विभागों के शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में हमने आरएसपी के अधिकारियों से बातचीत की और उनसे निवेदन किया है कि वे बगैर इस्तेमाल की जमीन को राजस्व विभाग को सौंपे. ताकि इस पर विकास परियोजनाओं को लाया जा सके. गौरतलब है कि राउरकेला दौरे के दौरान भी राजस्व मंत्री ने इस विषय पर रोशनी डाली थी. इसी बात को फिर से उन्होंने दोहराया है.
निगम को जमीन मिलने पर आयेगी आवासीय परियोजना
राजस्व मंत्री ने कहा कि राउरकेला महानगर निगम के पास विकास परियोजना को लागू करने के लिए जमीन नहीं है. अगर आरएसपी से जमीन मिलता है, तो इसका इस्तेमाल आवासीय परियोजना शुरू करने में किया जा सकता है, जिससे निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी. राउरकेला में आवास की बड़ी समस्या है. इसके अलावा स्वास्थ्य व नागरिक सुविधाओं को विकसित करने के लिए भी जमीन की जरूरत है. आरएसपी की स्थापना के समय राज्य सरका ने 30 हजार एकड़ जमीन दी थी और आज छह-सात दशक के बाद भी केवल आठ हजार एकड़ जमीन ही इस्तेमाल हुई है. इसलिए इसका एक फॉर्मूला विकसित कर रहे हैं, जिससे आगामी दिनों में बेहतर राउरकेला बनाया जा सकेगा.
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