Rourkela News: राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) पर सुंदरगढ़ जिले के अलावा छत्तीसगढ़ और झारखंड के पड़ोसी जिलों के हजारों लोग स्वास्थ्य सेवा के लिए निर्भर हैं. अस्पताल के इनडोर एवं आउटडोर विभाग में प्रतिदिन 1200 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं. इसकी तुलना भुवनेश्वर से कैपिटल अस्पताल से की जाती रही है, लेकिन भाजपा की डबल इंजन सरकार में इस अस्पताल को पूरी तरह से नजरअंदाज किये जाने के आरोप लग रहे हैं.
निदेशक और अधीक्षक के पद रिक्त, चिकित्सकों का लगातार हो रहा तबादला
138 डॉक्टरों की जरूरत, केवल 70 कार्यरत
400 बेड वाले राउरकेला सरकारी अस्पताल में 138 डॉक्टरों की जरूरत है, लेकिन सिर्फ 70 ही कार्यरत हैं. कार्यरत 70 डॉक्टरों में से 13 की नियुक्ति जिला खनिज निधि (डीएमएफ) से की गयी है. जिसमें एनेस्थीसिया में तीन, इएनटी में एक, बाल रोग में दो, सर्जरी में एक, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में एक, तीन मेडिकल ऑफिसर, एक दंत चिकित्सक और राउरकेला ब्लड बैंक में एक डॉक्टर की नियुक्ति डीएमएफ से की गयी है.
1100 करोड़ की लागत से आरजीएच की रुपरेखा बदलने की योजना में कोई प्रगति नहीं
तकनीशियनों की कमी, दो करोड़ रुपये के उपकरण हो रहे बर्बाद
राउरकेला सरकारी अस्पताल में तकनीशियनों की कमी के कारण केंद्रीय प्रयोगशाला में करीब दो करोड़ रुपये के उपकरण बर्बाद हो रहे हैं. रघुनाथपाली विधायक दुर्गा चरण तांती के मामले में हस्तक्षेप करने के बाद भी भाजपा की डबल इंजन सरकार की नींद नहीं खुली है, जिस कारण नतीजा शून्य है.
विधायक ने सौतेले बर्ताव का आरोप लगाया, कांग्रेस ने राज्य सरकार को बताया असंवेदनशील
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