Rourkela News: नागरिकों की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण के लिए राउरकेला पुलिस ने स्मार्ट ई-बीट पुलिसिंग सिस्टम की शुरुआत की है. इसका उद्घाटन शनिवार को डीआइजी बृजेश कुमार राय और एसपी नीतेश वाधवानी ने संयुक्त रूप से किया. यह अत्याधुनिक तकनीक आधारित प्लेटफॉर्म है, जो पुलिस गश्त को अधिक जवाबदेह, पारदर्शी और प्रभावशाली बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पेट्रोलिंग प्लानिंग, जीपीएस ट्रैकिंग और सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग को शामिल किया गया है.
100 बीट की जिम्मेदारी संभालेंगे 100 अधिकारी
इस प्रणाली के पहले चरण में 100 बीट चिह्नित किये गये हैं और 12 थानों को शामिल किया गया है. 100 अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गयी है. वे दिन और रात की शिफ्ट में 600 से अधिक स्थानों पर गश्त करेंगे. यह अपराध नियंत्रण में मददगार साबित होगी. इस पर शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने रोशनी डालते हुए विस्तृत जानकारी दी है. कहा कि अपराध और अपराधियों की मैपिंग से पुलिस को हॉटस्पॉट्स की पहचान में मदद मिलेगी, जिससे वे अपने प्रयासों को अधिक प्रभावी ढंग से केंद्रित कर सकेंगे. जीपीएस ट्रैकिंग और सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग के माध्यम से पुलिस गश्त की निगरानी की जा सकेगी, जिससे पुलिस की जवाबदेही बढ़ेगी. इस प्रणाली के माध्यम से अपराधियों की ट्रैकिंग की जा सकेगी, जिससे उन्हें पकड़ने में आसानी होगी. साथ ही इस प्रणाली से नागरिकों की सुरक्षा में सुधार होगा, क्योंकि पुलिस अधिक प्रभावी ढंग से गश्त कर सकेगी और अपराधों को रोकने में मदद कर सकेगी.
शहर की सभी सड़कों पर निगरानी के लिए चल रही थी योजना
स्मार्ट ई-बीट सिस्टम लॉन्चिंग कार्यक्रम के दौरान एडिशनल एसपी राज किशोर मिश्रा ने बताया कि पिछले वर्ष जब डीआइजी बृजेश कुमार राय राउरकेला एसपी के रूप में पदभार संभाल रहे थे, तब उनका एक सपना था कि राउरकेला के हर चौक- चौराहे और रास्ते पर पुलिस की नजर हमेशा कैसे रह सकेगी. इसे लेकर उन्होंने राउरकेला को सीसीटीवी मैपिंग की योजना बनायी थी एवं बिट पेट्रोलिंग करने की भी कल्पना की थी. आज एसपी नितेश वाधवानी के नेतृत्व में यह ई- बिट सिस्टम शुरू किया गया. इससे पहले 14 फरवरी को अनुसंधान पोर्टल की शुरुआत की गयी थी, जिसका अच्छा रिस्पांस मिल रहा है.
पहले प्रशिक्षण दिया गया, फिर हुई शुरुआत
यह पूरी प्रक्रिया अब मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से निगरानी योग्य होगी. 1 जुलाई से टेक्निकल टीम के द्वारा राइडर व पीसीआर पर तैनात पुलिसकर्मियों को ऐप के सफल संचालन की ट्रेनिंग दी जा रही थी. इस प्रणाली की प्रमुख विशेषताओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पेट्रोलिंग प्लानिंग, जीपीएस ट्रैकिंग और सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग शामिल हैं. गतिविधियों को वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा वास्तविक समय में ट्रैक किया जा सकेगा. दिन और रात की गश्त दोनों को डिजिटल रूप में रिकॉर्ड किया जायेगा. इससे गश्त में लापरवाही या चूक की आशंका न के बराबर होगी. इससे पहले पुलिस अधिकारी खुद मौके पर पहुंचकर यह सुनिश्चित करते थे कि क्या राइडर नियमित रूप से गश्त कर रहे हैं. इससे पुलिस के समय की भी बचत होगी. इसके अलावा अपराध और अपराधियों की मैपिंग से पुलिस को हॉटस्पॉट्स की पहचान में मदद मिलेगी
मिशन सेफ एंड सिक्योर राउरकेला
दूरदर्शी पहल: डीआइजी
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