Bhubaneswar News: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने मंगलवार को कहा कि पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में कोई छिपा हुआ कक्ष नहीं है. एएसआइ ने हाल में रत्न भंडार की मरम्मत का काम पूरा किया है. ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इन कार्यों का विवरण देते हुए उसने कहा कि (रत्न भंडार में) कोई छिपा हुआ स्थान नहीं है. एएसआइ ने कहा कि ‘ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर)’ सर्वेक्षण के आधार पर इसकी पुष्टि की गयी. उसने कहा कि रत्न भंडार या खजाना दो भागों में विभाजित है, ””भीतर”” रत्न भंडार और ‘बाहर’ भंडार तथा दोनों के बीच लोहे का एक गेट है, जो बाहर से बंद होता है.
रत्न भंडार में संरक्षण कार्य दो चरणों में किया गया
एएसआइ ने कहा कि दोनों कक्षों का निरीक्षण करने के बाद, यह पता लगाने के लिए एक जीपीआर सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया गया कि दीवारों में या फर्श के नीचे कोई छिपा हुआ कक्ष या अलमारियां तो नहीं हैं. एएसआइ ने कहा है कि सितंबर 2024 में किये गये जीपीआर सर्वेक्षण की रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि कोई छिपी हुई जगह नहीं है. रिपोर्ट के बाद 17 दिसंबर 2024 को संरक्षण कार्य शुरू हुआ. इसकी शुरुआत भीतर और बाहर भंडार दोनों में मचान बनाकर की गयी. उसने बताया कि रत्न भंडार मंदिर के जगमोहन या सभा भवन के उत्तरी प्रवेश द्वार से जुड़ा हुआ है. उसने कहा कि खोंडालाइट पत्थर से निर्मित रत्न भंडार का उद्देश्य भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और श्री सुदर्शन की बहुमूल्य वस्तुओं को रखना था. रत्न भंडार में संरक्षण कार्य दो चरणों में किया गया. पहला चरण 17 दिसंबर, 2024 से 28 अप्रैल, 2025 तक चला तथा दूसरा 28 जून से 7 जुलाई तक चला. रत्न भंडार का आंतरिक कक्ष 46 वर्षों के बाद पिछले वर्ष 14 जुलाई को मरम्मत कार्य और वस्तुओं की सूची तैयार करने के लिए खोला गया था.
मंदिर की अंदरूनी तस्वीरें साझा करने के लिए एएसआइ माफी मांगें : बीजद
विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) ने मंगलवार को पुरी जगन्नाथ मंदिर के अंदर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से माफी की मांग की. एएसआइ ने 12वीं शताब्दी के इस मंदिर के रत्न भंडार में किये गये जीर्णोद्धार कार्य का विवरण साझा करते हुए सोमवार को सोशल मीडिया पर मंदिर की तस्वीरें पोस्ट कीं. बाद में एएसआइ ने बाद में इन फोटो को हटा लिया था. बीजद प्रवक्ता लेनिन मोहंती ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एएसआइ के इस कार्य से श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई हैं और इससे मंदिर की सुरक्षा को भी खतरा पैदा हो गया है. मंदिर के अंदर कैमरा या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाना गैरकानूनी है, फिर भी मंदिर के रखरखाव का प्रभार संभालने वाले एएसआइ ने रत्न भंडार और भोग मंडप के प्रवेश द्वार की तस्वीरें कैसे लीं और उन्हें सोशल मीडिया पर कैसे जारी किया, इससे लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं. मोहंती ने कहा कि एएसआइ को बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए और जिम्मेदार अधिकारी को निलंबित किया जाना चाहिए. बीजद नेता ने राज्य की भाजपा सरकार और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) से भी स्पष्टीकरण देने को कहा. वहीं, कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि हां, यह हमारे संज्ञान में आया है. एसजेटीए इस संबंध में कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है.
पुरी जगन्नाथ मंदिर में गुप्त कैमरे के साथ पहुंचा व्यक्ति हिरासत में
पुरी के जगन्नाथ मंदिर में मंगलवार को गुप्त कैमरा लेकर पहुंचे एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि उसने गुप्त कैमरे वाला चश्मा पहना हुआ था और 12वीं सदी के इस मंदिर में फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी पूरी तरह प्रतिबंधित है. पुरी के एसपी पिनाकी मिश्रा ने बताया कि मंदिर के बेहराना द्वार के पास तैनात सुरक्षाकर्मियों को कैमरे की रोशनी चमकने पर संदेह हुआ और करीब से जांच करने पर पता चला कि कैमरा लगे हुए चश्मे के साथ वह परिसर में दाखिल हुआ था. वह व्यक्ति इसी क्षेत्र का रहने वाला था और उसे पूछताछ के लिए तुरंत सिंहद्वार थाने ले जाया गया. एसपी के अनुसार, यह पता लगाया जा रहा है कि क्या उसने मंदिर के अंदर कोई तस्वीर खींची या वीडियो बनाया है.
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