Rourkela News : राउरकेला पुलिस ने बुधवार को दुबई से संचालित होने वाले साइबर ठगी के बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया. यह गिरोह हर दिन 50 से 60 लाख रुपये की ठगी फर्जी ‘ट्रेड नाऊ’ एप के जरिये कर रहा था. सिविल टाउन व बसंती के दो अपार्टमेंट में मंगलवार को हुई छापेमारी में अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश हुआ. मामले में छतीसगढ़ व उत्तराखंड के नौ साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है. इनके 23 खातों से करीब डेढ़ करोड़ रुपये जब्त किये गये हैं और 176 खाते की जांच चल रही है. बुधवार की दोपहर राउरकेला पुलिस मुख्यालय में डीआइजी बृजेश कुमार राय ने प्रेस वार्ता में इसका खुलासा किया. मौके पर एसपी नितेश वाधवानी और एसडीपीओ अंबित मोहंती भी उपस्थित थे.
डीआइडी ने बताया कि पुलिस ने सिविल टाउनशिप के एक अपार्टमेंट में छापा मारा और दो संदिग्धों को हिरासत में लिया. इसके बाद बसंती कॉलोनी में छापेमारी की गयी. जहां पांच और लोगों को पकड़ा गया. टीम ने नकली सिम कार्ड, 31 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 68 सिम और कई अन्य डिजिटल और वित्तीय साधनों सहित कई आपत्तिजनक सामान जब्त किये. पूछताछ में आरोपियों ने ‘ट्रेड नाउ’ नामक एक नकली निवेश एप के माध्यम से ठगी करने का खुलासा किया. ठगों ने उच्च रिटर्न का वादा किया था. गिरोह के सदस्य प्रतिदिन 50 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन करते थे. बाद में उनके खुलासे के आधार पर रायपुर (छत्तीसगढ़: से दो और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया. ठग गिरोह के मास्टरमाइंड के रूप में रायपुर निवासी 26 वर्षीय किशन अग्रवाल की पहचान की गयी है, जो वर्तमान में दुबई (यूएई) में रह रहा है. उस पर भारत समेत अन्य देशों में इसी तरह के धोखाधड़ी वाले ऑपरेशन चलाने का आरोप है. जांचकर्ताओं के अनुसार, दक्षिण और पश्चिम एशियाई देशों में फैले अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध सिंडिकेट का हिस्सा बनकर हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से बड़ी राशि की ठगी की गयी.
गिरफ्तार आरोपी :
जब्त सामान :
लैपटॉप- 5, मोबाइल फोन- 31, सिम कार्ड- 68, जियो फाइबर राउटर्स- 2, पहचान पत्र- 20, एटीएम/डेबिट कार्ड- 19, बैंक पासबुक/चेक बुक- 4, पेन ड्राइव- 2, कैश गिनने की मशीन- 1, कार- 1, स्कूटी- 1
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