Bhubaneswar News: ओडिशा के पुनर्निर्माण में सरस्वती विद्या मंदिरों का बड़ा योगदान : धर्मेंद्र प्रधान

‍Bhubaneswar News: विद्या भारती के प्रादेशिक प्रधानाचार्य सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शामिल हुए.

By BIPIN KUMAR YADAV | June 14, 2025 12:36 AM
feature

Bhubaneswar News: भारतीय पद्धति और मूल्य आधारित व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा आम जनता को शिक्षित करने के साथ-साथ नयी पीढ़ी के निर्माण में विद्या भारती और शिक्षा विकास समिति, ओडिशा द्वारा संचालित सरस्वती शिशु विद्या मंदिरों की भूमिका अतुलनीय है. आगामी दिनों में भी ओडिशा के पुनर्निर्माण में सरस्वती विद्या मंदिरों की बड़ी भूमिका होगी. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कटक जिले के गतिरौतपटना स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में विद्या भारती और शिक्षा विकास समिति द्वारा आयोजित प्रादेशिक प्रधानाचार्य सम्मेलन के समापन समारोह में बोल रहे थे.

ओडिशा में सरस्वती शिशु मंदिर के विकास के लिए काम कर रही शिक्षा विकास समिति

श्री प्रधान ने कहा कि पहले हमारे देश को स्वतंत्र कराने के लिए अनेक महापुरुषों ने संघर्ष किया और बलिदान दिया. बाद में समाज की सतत स्वतंत्रता बनाये रखने के लिए अच्छे नागरिकों का निर्माण आवश्यक समझा गया. इसी लक्ष्य को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले सौ वर्षों से राष्ट्र कल्याण में समर्पित भाव से व्यक्ति निर्माण में लगा है. इसी विचार की परिणति के रूप में विद्या भारती एक सफल संस्था के रूप में उभर कर सामने आयी है. इसी परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रीय स्तर पर विगत लगभग 75 वर्षों से विद्या भारती और ओडिशा में शिक्षा विकास समिति पिछले 50 वर्षों से सरस्वती शिशु विद्या मंदिरों के विकास के लिए काम कर रही हैं. इन संस्थानों के प्रधानाचार्यों के विचार और संस्कृति के कारण शिशु विद्या मंदिर आज शिक्षा के मंदिर जैसे प्रतीत हो रहे हैं.

भारत को गुलाम बनाये रखने के लिए टीबी मैकाले ने बनायी थी शिक्षा नीति

ज्ञान के विकास को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ा जायेगा

श्री प्रधान ने बताया कि भविष्य में चैटजीपीटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे उपकरणों पर विशेष जोर दिया जायेगा और ज्ञान के विकास को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ा जायेगा. उन्होंने कहा कि आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे टूल्स अत्यंत प्रभावशाली बन चुके हैं. भारत के छात्रों और शिक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षित करने का उचित समय आ चुका है. वर्तमान बजट में 500 करोड़ रुपये की लागत से शिक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की योजना बनायी गयी है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग भारत के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पाठ्यक्रम से बेहतर ढंग से जोड़ने और शिक्षकों को कला, साहित्य, ज्ञान और आधुनिक विज्ञान से जोड़ने में किया जायेगा. राज्यों के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान भी संभव हो सके, इसके लिए योजनाएं बनायी जायेंगी. इसलिए सरकार स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर विशेष बल दे रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

 

 

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version