Sambalpur News: हीराकुद डैम से इस बार खेती के लिए विलंब से छोड़ा जायेगा पानी

Sambalpur News: हीराकुद बांध से इस बार खेती के लिए विलंब से पानी छोड़े जोन की सूचना जलाशय के अधिकारियों ने दी है.

By BIPIN KUMAR YADAV | June 15, 2025 11:53 PM
an image

Sambalpur News: खरीफ फसलों के लिए इस साल विलंब से हीराकुद जलाशय से पानी छोड़ा जायेगा. विभागीय सूत्रों के अनुसार, जलाशय में पिछले साल की तुलना में अधिक पानी होने के बावजूद इस बार सिंचाई के लिए नहरों में पानी छोड़ने में करीब एक सप्ताह की देरी हो सकती है.

संबलपुर, बरगढ़ और सुवर्णपुर के किसान बांध के पानी पर निर्भर

मॉनसून के दौरान जल प्रबंधन के लिए हीराकुद जलाशय नियंत्रण कक्ष एक जून से चालू हो गया है. नियमानुसार हीराकुद जलाशय से नहरों में सिंचाई के लिए 16 या 17 जून को पानी छोड़ा जाता है. रबी की फसल की कटाई के लिए पानी रोके जाने के बाद मुख्य नहर का जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है. बरगढ़ मुख्य नहर का जीर्णोद्धार कार्य फिलहाल स्थगित है. चूंकि जीर्णोद्धार कार्य फिलहाल नहीं चल रहा है, इसलिए बरगढ़ मुख्य नहर में पानी छोड़ने में कोई दिक्कत नहीं है, जिस पर संबलपुर (आंशिक रूप से), बरगढ़, सुवर्णपुर आदि के किसान निर्भर हैं. हालांकि बताया जाता है कि इस बार बाद में पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है.

छत्तीसगढ़ सरकार ने नहीं खोले हैं बराज के गेट

हीराकुद जलाशय का उच्चतम जल संग्रहण स्तर 630 फीट है, जबकि शनिवार सुबह 8:00 बजे जल स्तर 602.52 फीट है. पिछले साल जलाशय में 601.65 फीट जल था, जो वर्तमान से 0.87 फीट कम है. सिंचाई को अत्यधिक महत्व देते हुए हीराकुद जलाशय का जल स्तर 15 जून तक 598 फीट पर बनाये रखा जा रहा है. हालांकि, इस बार क्षमता तक पानी का उपयोग नहीं किया गया है. पानी अधिक होने के बावजूद पानी छोड़ने में देरी के पीछे का कारण समझ में नहीं आ रहा है. हालांकि बारिश शुरू नहीं हुई है, इसलिए छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने अभी तक बराज के गेट नहीं खोले हैं. पिछले अक्तूबर से बराज के सभी गेट बंद हैं. हालांकि नदियों से 4,395 क्यूसेक पानी हीराकुद जलाशय में प्रवेश कर रहा था.

किसान मांग करते हैं, तो पानी छोड़ने पर लिया जा सकता है निर्णय : अधिकारी

इस संबंध में जल संसाधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 20 से 25 जून के बीच पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है. अगर किसान पानी छोड़ने की मांग नहीं करते हैं, तो इसमें और देरी हो सकती है. हालांकि, अगर किसान जल्द पानी छोड़ने की मांग करते हैं, तो उस दिशा में आवश्यक कदम उठाये जा सकते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

 

 

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version