अखिलेश यादव बोले- I.N.D.I.A और होगा मजबूत, जनता का मूड ऐसा ही रहा तो केंद्र में भी होगा सत्ता परिवर्तन

तीन राज्यों के नतीजों पर अखिलेश यादव ने कहा कि जनता बदलाव चाहती है. अगर जनता का मूड ऐसा ही रहा तो केंद्र में भी सत्ता परिवर्तन होगा. क्योंकि समस्याएं अभी भी वैसी ही हैं. चाहे किसानों की आय दोगुनी करने का सवाल हो, गन्ने का दाम दोगुना करने का सवाल हो सारी समस्याएं अभी भी जस की तस बनी हुई हैं.

By Sanjay Singh | December 5, 2023 3:28 PM
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Lucknow News: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनावों के नतीजों से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. इसके बाद ही विपक्ष के इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव एलायंस (I-N-D-I-A) के अस्तित्व पर सवाल उठने लगे हैं. गठबंधन की छह दिसंबर को आयोजित होने वाली बैठक भी टाल दी गई. इसे विपक्ष के गठबंधन में रार से जोड़कर देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस के व्यवहार से कई दलों के नेता असंतुष्ट हैं. इसलिए उन्होंने बैठक से किनारा कर लिया. हालांकि कहा जा रहा है कि अब छह दिसंबर को शाम छह बजे इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों के सांसदों की बैठक आयोजित की जाएगी. बाद में दिसंबर के तीसरे हफ्ते में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर इस गठबंधन के प्रमुख नेताओं की औपचारिक समन्वय बैठक होगी. इस बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान से गठबंधन के नेताओं को थोड़ी राहत मिली है. उन्होंने एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में खुद को विपक्ष के गठबंधन से अलग करने पर इनकार किया. साथ ही कांग्रेस को एक बार फिर आईना दिखाने का काम किया है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव एलायंस और मजबूत होगा. हाल ही में जो परिणाम आए हैं वह भाजपा के लिए चिंता का विषय होना चाहिए, क्योंकि जनता का मूड परिवर्तन का है. और एक प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का जो व्यवहार था वह वैसा ना होता तो परिवर्तन वहां भी हो जाता.


हम लोग निराश नहीं है, लोकतंत्र में आते हैं इस तरह के परिणाम

अखिलेश यादव ने सीधे तौर पर मध्य प्रदेश की ओर इशारा किया. मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता वापसी की उम्मीद धूमिल हुई है. सपा पहले ही यहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की वजह से गठबंधन नहीं होने का आरोप लगा चुकी है. कमलनाथ के अखिलेश-वखिलेश वाले बयान को लेकर भी सपा चुनाव नतीजों के बाद से ही हमलावर बनी हुई है. अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस पर विपक्ष के गठबंधन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि शुरुआत में बोला गया कि गठबंधन के साथी साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. लेकिन हमें नहीं बताया कि ये गठबंधन लोकसभा चुनाव 2024 के लिए है, राज्यों के विधानसभा चुनाव 2023 के लिए नहीं. इसलिए अब सपा भी अपने मुताबिक निर्णय करेगी. वहीं चुनाव परिणाम के बाद ही सपा नेता कांग्रेस का अहंकार टूटने की बात कह रहे हैं. हालांकि अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन में बने रहने के साथ कांग्रेस को भविष्य को लेकर नसीहत दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि हम लोग निराश नहीं है, राजनीति में लोकतंत्र में इस तरह के परिणाम आते हैं. राजनीति में ऐसे परिणाम आते हैं और कोई भी पॉलीटिकल पार्टी हो उसको स्वीकार करेगी.

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सारी समस्याएं अभी भी जस की तस बनी

तीन राज्यों के नतीजों पर अखिलेश यादव ने कहा कि जनता बदलाव चाहती है. अगर जनता का मूड ऐसा ही रहा तो केंद्र में भी सत्ता परिवर्तन होगा. क्योंकि समस्याएं अभी भी वैसी ही हैं. चाहे किसानों की आय दोगुनी करने का सवाल हो, महंगाई के बीच गन्ने का दाम दोगुना करने का सवाल हो या रोजगार का सवाल हो. सारी समस्याएं अभी भी जस की तस बनी हुई हैं. अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सरकार सदन में कहती है कि जल्द ही उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन की हो जाएगी. लेकिन, आपको पता होना चाहिए कि एक ट्रिलियन इकोनॉमी के लिए 36 फीसदी की ग्रोथ होनी चाहिए. क्या यूपी में ऐसा हो रहा है? उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार पुराने बजट का 65 फीसदी ही खर्च कर पाई है तो फिर अनुपूरक बजट की जरूरत क्यों पड़ी.

सरकार बताए कहां हुआ है रियल इन्वेस्टमेंट

सपा अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा कि बीजेपी को बताना चाहिए कि अगर वह जीत गए तो क्या यहां पूरे उत्तर प्रदेश में किसानों के धान की कीमत दोगुनी हुई? बीजेपी को बताना चाहिए कि क्या अब कोई बेरोजगार नहीं बचा, सबको रोजगार मिल गया?” उन्होंने कहा कि आप उनसे पूछिए कि रियल इन्वेस्टमेंट कहां हुआ है और अगर रियल इन्वेस्टमेंट हुआ है तो लोगों को नौकरी और रोजगार भी मिले होंगे? सच्चाई तो यह है कि आज घर-घर बेरोजगार बैठा हुआ है.

हमेशा झूठे आंकड़े पेश करती है भाजपा सरकार

अखिलेश यादव ने कहा कि पहले तो सरकार यह बताए पर कैपिटा इनकम क्या है? वह आंकड़े झूठे बताती है. अगर पर कैपिटा इनकम सही है तो इसी लखनऊ में एक बहन जो ग्रेजुएट थी, उसको नौकरी नहीं मिली उसने आत्महत्या कर ली. इसी शहर में 5000 शिक्षामित्र आत्महत्या कर चुके हैं. अखिलेश यादव ने वास्तविक निवेश को लेकर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अगर वास्तविक निवेश होता तो राज्यों में नौकरियां और रोजगार भी आते. लेकिन, हकीकत यह है कि आज हर घर में बेरोजगार बैठे हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि राजधानी लखनऊ में जो भी विकास हुआ है वह समाजवादी पार्टी की देन है. भाजपा सरकार हमेशा झूठे आंकड़े पेश करती है.

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