एटीएस एडिशनल एसपी राहुल श्रीवास्तव और उनकी पत्नी के खिलाफ लखनऊ की एक छात्रा दुष्कर्म और एबॉर्शन करने का आरोप लगाया था. इस मामले में एसपी राहुल श्रीवास्तव, उनकी पत्नी मानिनी श्रीवास्तव व 4 दोस्तों के खिलाफ गोमतीनगर विस्तार थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में एसपी राहुल श्रीवास्तव और उनकी पत्नी मानिनी श्रीवास्तव को मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ से फिलहाल राहत मिल गई है. लखनऊ बेंच में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में दोनों की गिरफ्तारी पर बुधवार तक के लिए रोक लगा दी है. कोर्ट ने 17 जनवरी को दोबारा सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है. जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इनके खिलाफ अगर कोई पर्याप्त और ठोस सबूत न मिले तो इन्हें 17 जनवरी तक गोमतीनगर विस्तार थाने के इस मामले में गिरफ्तार न किया जाए. कोर्ट ने यह आदेश राहुल श्रीवास्तव और उनकी पत्नी द्वारा दाखिल याचिका पर दिया. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी को नियत कर सरकारी वकील को याचियों के खिलाफ एकत्र किए गए साक्ष्य, अगर कोई हों, तो उनकी जानकारी पेश करने को कहा है. साथ ही याचियों को भी मामले की तफ्तीश में सहयोग करने का आदेश दिया. याचिका में इस मामले में दर्ज कराई गई एफआईआर को चुनौती देकर याचियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने का आग्रह किया गया है. याचियों की ओर से दलील दी गई कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया. उधर, सरकारी वकील ने याचिका का विरोध किया.
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