नाबालिग बेटों ने दी पिता अतीक- चाचा अशरफ को मिट्टी
पुलिस कड़ी सुरक्षा में अतीक अहमद के नाबालिग बेटों एहजम व एबाद को बाल सुधार गृह से लेकर कसारी मरारी कब्रिस्तान पहुंची. सुरक्षा की दृष्टि से दोनों बेटों को शव वाहन (एबुंलेंस) में अतीक व अशरफ के शव के साथ ही कब्रिस्तान के अंदर ले जाया गया. अतीक अशरफ परिवार के बहुत करीबी लोगों को ही कब्रिस्तान के अंदर जाने दिया गया है. कब्रिस्तान अंदर जाने वालों में अतीक की बड़ी बहन, उसकी भांजी, अशरफ के बेटा और बेटी और ससुर थे. परिवार की महिलाएं वाहन के अंदर ही रहीं. पुरुष रिश्तेदार भी मीडिया से बचते रहे. अशरफ के ससुर ने बस इतना कहा कि आखिरी मिट्टी देने आए हैं.
पास से मिली सुपुर्दे खाक में शामिल होने की अनुमति
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के शव पुलिस सुरक्षा में पहुंचे. पोस्टमार्टम के बाद अन्य सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद करीब साढे़ छह बजे अतीक अहमद का शव कसारी मसारी के कब्रिस्तान पहुंचा. इसके कुछ देर बार अशरफ का शव पहुंचा. प्रशासन ने सुपुर्दे खाक में शामिल होने वालों को पास जारी किये गये थे. बड़ी संख्या में लोग शामिल होना चाहते थे लेकिन पुलिस ने सभी को मंजूरी नहीं दी. बिना अनुमति के कोई भी कब्रिस्तान में प्रवेश नहीं कर सका. सभी के पास चेक किये गये. पूरे इलाके में बैरियर लगाए गए थे. कब्रिस्तान छावनी में तब्दील कर दिया गया था.
ड्रोन कैमरे से नजर रखी गयी , पूरे शहर में गश्त
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के शव पुलिस सुरक्षा में पहुंचे. पोस्टमार्टम के बाद अन्य सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद करीब साढे़ छह बजे अतीक अहमद का शव कसारी मसारी के कब्रिस्तान पहुंचा. इसके कुछ देर बार अशरफ का शव पहुंचा. प्रशासन ने सुपुर्द ए खाक में शामिल होने वालों को पास जारी किये गये थे. बड़ी संख्या में लोग शामिल होना चाहते थे लेकिन पुलिस ने सभी को मंजूरी नहीं दी. बिना अनुमति के कोई भी कब्रिस्तान में प्रवेश नहीं कर सका. सभी के पास चेक किये गये. पूरे इलाके में बैरियर लगाए गए थे. कब्रिस्तान छावनी में तब्दील कर दिया गया था. ड्रोन कैमरे से नजर रखी जा रही थी. पूरे शहर में गश्त लगायी जा रही थी.
अचानक शाइस्ता के सरेंडर की उड़ गयी उफवाह
नमाज- एक जनाजा से पहले छह महिलाएं बुर्का में पहुंची. पुलिस उनमें से दो महिलाओं को अतीक अहमद और अशरफ के शव के पास ले लेकर गयी. अतीक का चेहरा देखकर एक महिला बिलख-बिलखकर रोने लगी. अचानक कब्रिस्तान में यह सूचना तैर गयी कि शाइस्ता परवीन कसारी मसारी के कब्रिस्तान पहुंच गयी हैं. उसने सरेंडर कर दिया है. शाइस्ता परवीन बहन आयशा और एक अन्य महिला के साथ पहुंची.काफी देर बाद पता चला कि वह मृतक परिवार की महिलाएं हैं.