सीएए-एनआरसी के विरोध में जेल भी जा चुके
परवेज अहमद और रईस अहमद दिसंबर 2019 में सीएए-एनआरसी को लेकर देश में चल रहे विरोध में प्रदर्शन के दौरान पीएफआई के संपर्क में आए थे. इस मामले में दोनों के खिलाफ चेतगंज थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया था. दोनों के विरुद्ध थाना चेतगंज में 296/49 धारा 447,48,49,88,332,353,34 आइपीसी एवं 7 सीएलए एक्ट व थाना आदमपुर में 42/22 धारा 424 ए,53-ए,295-ए,409,420-बी एवं 3 अनलाफुल एक्टिविटी (प्रिवेंशन) एक्ट में भी अभियोग पंजीकृत थे, जिसमें जेल भी जा चुके हैं.
ट्रेनिंग लेने के बाद मुस्लिम युवाओं को जोड़ने के लिए करते थे प्रेरित
एटीएस सूत्रों के अनुसार परवेज और रईस पीएफआई के उन सक्रिय नेताओं के लिए काम कर रहे थे जो देश विरोधी गमितिविधयों में सक्रिय हैं. बीते दिनों असम दिल्ली और केरल में पीएफआई की बैठक हुई थीं. इन बैठक में प्रशिक्षण लेकर लौटे थे. वाराणसी और आसपास के जिलों में पीएफआई का कैडर खड़ा करने को मुस्लिम युवाओं को जोड़ रहे थे. लोहता क्षेत्र के अलावल से अब्दुल्ला की गिरफ्तारी के बाद दोनों भूमिगत रह कर काम कर रहे थे.
पीएफआई नेटवर्क के खिलाफ एटीएस की 30 टीम छापेमारी कर रही
सितंबर 2022 में वाराणसी के लोहता थाना क्षेत्र के अलावल से अब्दुल्ला सऊद अंसारी को गिरफ्तार किया था. अब्दुल्ला पीएफआई की पॉलिटिकल विंग सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के लिए भी काम करता था. अबुल्ला से मिली जानकारी के आधार पर परवेज अहमद और रईस अहमद के पर ईनाम रखा गया था. शनिवार को एटीएस ने संदिग्ध लोगों की धरपकड़ के लिए विशेष रूप से 30 टीमों ने बड़ी छापेमारी की है.