उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, अयोध्या के विधायक इंद्र प्रताप उर्फ खब्बू तिवारी को कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई है. वहीं कोर्ट के फैसले के उनकी सदस्यता पर भी तलवार लटक गई है.
जानकारी के मुताबिक अयोध्या (Ayodhya) के गोसाईगंज से भारतीय जनता पार्टी के विधायक इंद्र प्रताप तिवारी को सोमवार को एक विशेष अदालत ने कॉलेज में दाखिला के लिए फर्जी अंकपत्र (मार्कशीट) के इस्तेमाल संबंधी 28 साल पुराने मामले में पांच साल जेल की सजा सुनायी है. विशेष न्यायाधीश पूजा सिंह ने फैसला सुनाया और अदालत में मौजूद तिवारी को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया.
अदालत ने तिवारी पर आठ हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र से इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी (Khabbu Tiwari) निर्वाचित हुए हैं. तिवारी के खिलाफ 1992 में अयोध्या के साकेत डिग्री कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य यदुवंश राम त्रिपाठी ने राम जन्मभूमि थाना में मामला दर्ज कराया था.
दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि स्नातक के दूसरे वर्ष में अनुत्तीर्ण हुए तिवारी ने 1990 में फर्जी मार्कशीट जमा कर अगली कक्षा में प्रवेश लिया था.इस मामले में 13 साल बाद आरोपपत्र दाखिल किया गया था. कई मूल दस्तावेज रिकॉर्ड से गायब हो गए और सुनवाई के दौरान वादी त्रिपाठी की भी मौत हो गई. साकेत कॉलेज के तत्कालीन डीन महेंद्र कुमार अग्रवाल और अन्य गवाहों ने तिवारी के खिलाफ गवाही दी.
फैसले के बाद चुनाव लड़ने पर भी संशय- बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि दो साल से अधिक सजा प्राप्त व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता है. सजायफ्ता व्यक्ति सजा पूरी होने के छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. ऐसे में बीजपी को गोसाईगंज सीट पर नए सिरे से तैयारी करनी पड़ेगी.
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