राम मंदिर में पूरे देश की दिखेगी झलक, प्राण प्रतिष्ठा में ननिहाल के चावल और ससुराल के मेवा का होगा पहला भोग

राइस मिल एसोसिएशन अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से अयोध्या आने पर कहा कि वे भगवान के ननिहाल से अयोध्या चावल का संदेश लेकर आए हैं. इसे छत्तीसगढ़ के 33 जनपदों से एकत्र किया गया है.

By Sanjay Singh | December 25, 2023 9:11 AM
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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर बेहद उत्साह का माहौल है. भूतल तैयार होने साथ मंदिर निर्माण के अन्य कार्य तेजी से जारी हैं. राम मंदिर के निर्माण कार्य में पूरे देश की झलक नजर आएगी. मंदिर के दरवाजे व अन्य निर्माण, अनुष्ठान, विभिन्न सामग्री में पूरे देश के लोगों का योगदान है. वहीं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियों को पूरा करने में जुटा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देश दुनिया की कई हस्तियां इस भव्य समारोह में शामिल होंगे. इसके लिए ठहरने के इंतजाम से लेकर रहने और अन्य प्रबंध किए जा रहे हैं. इसके साथ ही रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं देश विदेश से भी आयोजन को लेकर कई तरह की सामग्री भेजी जा रही है, जिनका इस्तेमाल करने की ट्रस्ट तैयारी कर रहा है. 22 जनवरी 2024 को शुभ मुहूर्त रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली आरती करेंगे. प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला को विशेष भोग की तैयारी है. इसके लिए ननिहाल के चावल और ससुराल के मेवा का पहला भोग लगाया जाएगा. रामलला को ननिहाल छत्तीसगढ़ से 3000 कुंतल चावल अयोध्या भेजा जा रहा है. बताया जा रहा है कि अब तक का सबसे बड़ी चावल की खेप 30 दिसंबर को अयोध्या पहुंचेगी.


छत्तीसगढ़ से 30 दिसंबर को पहुंचेंगे चावल

इसके साथ ही नेपाल के जनकपुर से रामलला के लिए वस्त्र, फल व मेवा भी उपहार के रूप में अयोध्या राम मंदिर भेजा जा रहा है. बताया जा रहा है कि नेपाल से 100 थाली से सजा उपहार 5 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगा. राइस मिल एसोसिएशन अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से अयोध्या आने पर कहा कि वे भगवान के ननिहाल से अयोध्या चावल का संदेश लेकर आए हैं. इसे छत्तीसगढ़ के 33 जनपदों से एकत्र किया गया है.यह 3000 कुंतल चावल 30 दिसंबर को अयोध्या लाया जाएगा. और फिर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा.

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राम मंदिर में पूरे देश की दिखाई देगी झलक

इसके साथ ही राम मंदिर निर्माण की कारीगरी में पूरे देश की झलक दिखाई देगी. मंदिर में पत्‍थरों को तराशने का काम में राजस्‍थान, उड़ीसा और मध्‍य प्रदेश के शिल्पकारों ने किया. वहीं इसमें लगने वाले पिं‍क कलर के सैंड स्‍टोन राजस्‍थान के भरतपुर के वंशीपहाडपुर गांव से लाकर लगाए गए हैं. मंदिर के दरवाजों की लकड़ी भी महाराष्ट्र से लाई गई है. देश के अलग-अलग हिस्सों से आए कारीगर महीनों से अयोध्या में डेरा डाल मंदिर को भव्य स्वरूप देने में जुटे हुए हैं. राम मंदिर निर्माण का काम अंतिम दौर में है. ग्राउंड फ्लोर का काम करीब पूरा हो गया है, अब फिनिशिंग अंतिम चरण में है. मंदिर की पुरानी कार्यशाला में खंभो को तराशने और डिजाइनिंग का काम चल रहा है जो पहले और दूसरे फ्लोर पर लगने हैं. यहां पर काम करने वाले कारीगर बताते है कि काम को तेजी से पूरा करने के निर्देश मिले हैं. राजस्‍थान के चौबीस से ज्‍यादा कारीगर पत्‍थरो पर डिजाइनिंग का काम कर रहे हैं.

मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर 14 दरवाजों के निर्माण में महाराष्‍ट्र के जंगलों की लकड़ी लगी है. इन दरवाजों के निर्माण का काम हैदराबाद के कारीगर कर रहे हैं. इनपर डिजाइनिंग करने वाले कन्‍या कुमारी से आए हैं. ट्रस्टी अनिल मिश्रा ​के मुताबिक सिर्फ दरवाजे बनाने में ही तीन प्रांतों की भागीदारी है. मंदिर के निर्माण कार्य में लगाए गए 300 से ज्यादा कारीगर को अलग-अलग प्रदेशों से चुना गया है. फैब्रिकेशन और दरवाजों पर सोने की चादर चढ़ाने का दिल्‍ली, हरियाणा और पंजाब के कारीगरों को दिया गया है.

तमिलनाडु के नामक्कल से घंटियां रवाना

इस बीच तमिलनाडु के नामक्कल से अयोध्या मंदिर के लिये घंटियां रवाना हो चुकी हैं. एक घंटी का वजन करीब 120 किलोग्राम है. बताया जा रहा है कि कुल 42 घंटियां मंदिर के लिए खासतौर पर भेजी गई हैं. वहीं राम मंदिर निर्माण कार्य सहित अन्य तैयारियों का जायजा लेने के लिए श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा सोमवार को अयोध्या पहुंचेंगे. वह यहां मंदिर निर्माण के काम की समीक्षा करेंगे. राम मंदिर का सुपर स्ट्रक्टर लगभग पूरा हो चुका है.

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