UP News: विधान सभा चुनाव से पहले बुंदेलखंड के लोगों को मिलेगा नल से जल, पानी आपूर्ति का ट्रॉयल रन पूरा

बुंदेलखंड, विंध्य के सैकड़ों गांवों में जश्न का माहौल, बंटी मिठाइयां, गले लगकर एक दूसरे को ग्रामीणों ने दी बधाई, घर तक नल से पहुंचा पानी झूम उठे बच्चे और महिलाएं

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2021 7:12 PM
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UP Chunav 2022: बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र सहित प्रदेश के हजारों गांवों के लोगों को पीने के साफ पानी के लिए अब ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा. राज्य सरकार ने बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के गांवों के घरों में पानी आपूर्ति का ट्रायल पूरा कर लिया है. यूपी विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों नये साल में इस सुविधा का शुभारंभ कराने की तैयारी है. सरकार ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं.

जल जीवन मिशन के तहत सरकार हर घर नल योजना का तोहफा देने जा रही है. जलापूर्ति शुरू होने के साथ बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में पेयजल के लिए रोजाना होने वाले संघर्ष और अशुद्ध पानी से होने वाली बीमारियों से भी निजात मिल जाएगी. नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की तैयारी पहले चरण में 18 लाख से अधिक परिवारों को वाटर सप्लाई से जोड़ने की है.

बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के गांवों में ट्रायल रन के दौरान नलों में पानी पहुंचने के बाद वहां के लोग खुशी से झूम उठे. बांदा, ललितपुर और मिर्जापुर में पानी पहुंचने की खुशी में ग्रामीणों ने गले लगकर एक दूसरे को बधाई दी. ललितपुर में बहादुरपुर एवं पिपरट गांव में ट्रायल रन के दौरान जब पहली बार पाइप लाइन से पानी पहुंचा तो पूरा गांव खुशी से झूम उठा.

बुंदेलखंड के सात जिलों के साथ सोनभद्र और मिर्जापुर के गांवों में भी घर-घर पानी नल से जल पहुंचाने का ट्रायल रन तेजी से चल रहा है. 18 लाख से अधिक परिवारों को वॉटर सप्लाई से जोड़ कर राज्य सरकार करीब 72 लाख से अधिक ग्रामीणों को पहले चरण में पीने का साफ पानी पहुंचाने की तैयारी कर रही है. भविष्य में 13 हजार गांवों के 45 लाख परिवारों के लिए आठ हजार नई पेयजल योजनाओं का शिलान्यास किया जाएगा.

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9वीं कक्षा की स्वाति, चौथी कक्षा में पढ़ने वाली अंजलि और दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली माही नल की टोंटी से गिर रही पानी की धार में खेलने लगे. एकोनाबाई, सियारानी, जया बाई, कस्तूरी, सुशीला आदि महिलाएं भी बाल्टी, लोटा, जग लेकर पानी लेने नल पर पहुंच गईं. टीकाराम, सूरजभान और बृजकिशोर जैसे बुजुर्गों की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे. वह बोले हमारी भगवान ने सुन ली.

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