Meerut News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों के दिल में जगह की तलाश करती भाजपा ने युवाओं को साधने की कोशिश करते हुए खेल विश्वविद्यालय की नींव रखनी पड़ी. युवाओं को खेल की ओर बढ़ावा देने के साथ ही वेस्ट यूपी के जाटों को साधने की इस कोशिश के कई मायने देखे जा रहे हैं. यह प्रदेश का पहला खेल विश्वविद्यालय है.
सपा-रालोद गठबंधन का तोड़
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि पश्चिमी यूपी में किसान नेता राकेश टिकैत के किसान आंदोलन के बाद से भाजपा को काफी नुकसान मिलने की बात की जा रही थी. इसी बीच जाटलैंड की कई विधानसभा सीट पर मजबूत पकड़ रखने वाले जयंत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच के गठबंधन ने युवाओं को भाजपा के वोट बैंक से दूर कर दिया था. ऐसे में भाजपा नेतृत्व ने खेल विश्वविद्यालय देकर इस क्षेत्र के युवाओं को अपने खेमे में करने की कोशिश की है.
इससे इतर मेरठ मंडल से आज भी फौज में भर्ती होने वाले युवाओं की संख्या ज्यादा है. ऐसे में वहां खेल प्रतिभा को बढ़ावा देते हुए भाजपा नेतृत्व का यह फैसला उन्हें युवा मतदाताओं के करीब पहुंचाता हुआ दिख रहा है. पार्टी के सूत्रों ने बताया कि इस मसले पर भाजपा थिंकटैंक का भी यही मानना था कि किसानों के क्रोध का सामना कर रही भाजपा के लिए युवाओं के माध्यम से ही जाटलैंड में वोटबैंक में सेंध लगा पाना आसान दिख रहा था. ऐसे में भाजपा के इस कदम से युवा यकीनन कमल के फूल के प्रति आकर्षित होंगे.
प्रदेश की छवि बदलने की कोशिश
प्रदेश में कई चुनाव को कवर कर चुके एक वरिष्ठ पत्रकार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पश्चिमी यूपी में हमेशा ही क्राइम ग्राफ काफी ऊपर रहा है. ऐसे में वहां की प्रतिभा को खेल की ओर बढ़ावा देकर प्रदेश की छवि को बदलने की कोशिश की जा रही है, जो आज के समय में काफी आवश्यक है.
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