BrahMos Missile: डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का नया हब बनेगा लखनऊ, राजनाथ सिंह आज करेंगे ब्रह्मोस यूनिट का उद्घाटन

BrahMos Missile: ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण इकाई के उद्घाटन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वर्चुअली माध्यम से राजधानी दिल्ली से जुड़ेंगे, जबकि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ लखनऊ से इस ऐतिहासिक पल का नेतृत्व करेंगे.

By Shashank Baranwal | May 11, 2025 9:34 AM
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BrahMos Missile: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ रविवार को रविवार को एक ऐतिहासिक उपलब्धि का साक्षी बनने वाला है, क्योंकि आज उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर विश्व की सबसे घातक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ की निर्माण इकाई का उद्घाटन किया जाएगा. इसका उद्घाटन देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे.

लखनऊ के लिए ऐतिहासिक पल

ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण इकाई के उद्घाटन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वर्चुअली माध्यम से राजधानी दिल्ली से जुड़ेंगे, जबकि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ लखनऊ से इस ऐतिहासिक पल का नेतृत्व करेंगे. यह आयोजन न केवल यूपी के डिफेंस सेक्टर को नई उड़ान देगा, बल्कि मौजूदा भारत-पाक तनाव की पृष्ठभूमि में देश की सामरिक तैयारियों को भी एक नई धार प्रदान करेगा.

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टाइटेनियम एंड सुपर एलॉयस मैटेरियल्स प्लांट का उद्घाटन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस अवसर पर टाइटेनियम एंड सुपर एलॉयस मैटेरियल्स प्लांट का उद्घाटन भी करेंगे, जिसे स्ट्रैटेजिक मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स के नाम से जाना जाता है. यह उन्नत संयंत्र एयरोस्पेस (Advanced Plant Aerospace) और डिफेंस सेक्टर के लिए विशेष सामग्रियों का उत्पादन करेगा, जिनका इस्तेमाल चंद्रयान जैसे अंतरिक्ष अभियानों और आधुनिक लड़ाकू विमानों में किया जाएगा. साथ ही ब्रह्मोस एयरोस्पेस की इंटीग्रेशन और टेस्टिंग फैसिलिटी परियोजना का लोकार्पण भी किया जाएगा, जो मिसाइलों के परीक्षण और उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगी.

पीएम मोदी ने 2018 में की थी परिकल्पना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की परिकल्पना की थी, जिसका उद्देश्य राज्य को रक्षा निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट को छह प्रमुख नोड्स के रूप में विकसित किया जा रहा है. जहां रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश जारी है.

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