मायावती ने ट्वीट में लिखा- ‘देश में तीव्र आंदोलन के बाद तीन विवादित कृषि कानूनों की वापसी की केंद्र सरकार की घोषणा का देर आए दुरुस्त आए यह कहकर स्वागत किया गया, किंतु इसे चुनावी स्वार्थ व मजबूरी का फैसला बताकर भाजपा सरकार की नीयत पर भी शक किया जा रहा है. अतः इस बारे में कुछ और ठोस फैसले जरूरी. इसके लिए किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नया कानून बनाना तथा देश की आन, बान व शान से जुड़े अति गंभीर मामलों को छोड़कर आंदोलित किसानों पर दर्ज बाकी सभी मुकदमों की वापसी आदि करना भी केंद्र सुनिश्चित करे.’
एक अन्य ट्वीट में मायावती ने केंद्र की मोदी सरकार के साथ ही कांग्रेस की इंदिरा गांधी सरकार पर भी तंज कसा. मायावती ने लिखा- ‘देश ने पहले इंदिरा गांधी की सरकार की तानाशाही और अहंकारी रवैये को झेला है. अब, देश को आशा है कि पहले की तरह स्थिति पैदा नहीं होगी.’ दरअसल, शुक्रवार को पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था.
इसके बाद से देशभर से केंद्र के फैसले पर नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. शनिवार को बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर सलाह दी थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फैसला लेने के साथ किसानों पर दर्ज एफआईआर वापस ली जाए. वहीं, मायावती ने भी ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार से एमएसपी और एफआईआर पर तुरंत फैसला लेने को कहा है.
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