बुलेटिन के मुताबिक, कोरोना संक्रमण से ग्रस्त 1,173 तबलीगी जमात के या उनसे संबद्ध लोग हैं. बुलेटिन में बताया गया कि कोरोना संक्रमण की वजह से सबसे अधिक 24 मौतें आगरा में हुई हैं. मेरठ में 13, मुरादाबाद में सात, कानपुर नगर में छह, मथुरा और फिरोजाबाद में चार-चार, अलीगढ़ में तीन, झांसी, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में दो-दो, प्रयागराज, एटा, मैनपुरी, बिजनौर, कानपुर देहात, अमरोहा, बरेली, बस्ती, बुलंदशहर, लखनऊ, वाराणसी और श्रावस्ती में एक-एक व्यक्ति की मौत कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से हुई है.
बुलेटिन के अनुसार पृथक वार्ड में 1,830 लोग भर्ती हैं. जबकि, पृथक वास केंद्रों में 8,952 लोग रखे गये हैं. इससे पहले प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कल पूल टेस्टिंग में 273 पूल लगाये गये और 1,365 नमूनों की जांच की गयी. उन्होंने बताया कि महत्वपूर्ण बात ये है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के द्वारा एक व्यवस्था बनायी गयी है, जिसमें अस्पतालों के लिए परामर्शदाता संस्थान को नामित किया गया है.
प्रसाद ने बताया कि कोविड-19 चिकित्सालय में डाक्टरों को अगर किसी मरीज की चिकित्सा में दिक्कत आती है और उन्हें मार्गदर्शन चाहिए तो हर क्षेत्र के लिए परामर्शदाता संस्थान है. उन्होंने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए मेडिकल कालेज, मेरठ में समर्पित टीम होगी. दिक्कत आने पर वहां विशेषज्ञों से परामर्श ले सकते हैं और चिकित्सा के बारे में पूछ सकते हैं. अगर वहां समाधान ना हो, तो एसजीपीजीआई, लखनऊ से संपर्क किया जा सकेगा.
प्रमुख सचिव ने बताया कि मध्य क्षेत्र के लिए मेडिकल कॉलेज, कानपुर की टीम से संपर्क किया जा सकेगा. वहां मल्टी स्पेशियेलिटी टीम होगी. उन्होंने बताया कि इसी तरह पूर्वांचल के लिए कोविड केयर चिकित्सालय प्रयागराज मेडिकल कालेज की विशेष टीम से सलाह ली जा सकेगी. अगर वहां से तसल्ली नहीं होती, तो बीएचयू, वाराणसी की स्पेशियेलिटी टीम से परामर्श ले सकते हैं. प्रसाद ने बताया कि इस सिस्टम को ‘इलेक्ट्रानिक कोविड केयर सपोर्ट नेटवर्क’ नाम दिया गया है. इससे कोविड मरीजों की चिकित्सा गुणवत्ता में काफी सुधार आयेगा.