अधिकारियों ने कहा कि आरोप है कि विकास दुबे ने अपने और अपने परिवार के नाम पर खूब संपत्ति अर्जित की है. उन्होंने कहा कि ईडी जल्द ही दुबे, उसके सहयोगियों और परिवार के सदस्यों द्वारा कथित रूप से किये गये अपराध की जांच के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शिकायत दर्ज करके यह पता लगायेगा कि क्या बाद में इस धन का उपयोग अवैध रूप से चल और अचल संपत्ति अर्जित करने लिए तो नहीं किया गया.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और उससे लगे कुछ इलाकों में दुबे और उसके परिवार से जुड़ी दो दर्जन से अधिक नामी और ‘बेनामी’ संपत्तियां, बैंक में जमा राशि और सावधि जमा पर केंद्रीय जांच एजेंसी की नजर है. अधिकारियों ने कहा कि कुछ जानकारियां साझा की जा चुकी हैं, जबकि एजेंसी कुछ और जानकारी हासिल कर रही है. उन्होंने कहा कि ईडी अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों से दुबे और अन्य लोगों की संभावित विदेशी संपत्ति के बारे में विवरण भी मांग रहा है.
इसके अलावा विभिन्न बैंकों से खातों का विवरण भी मांगा जा रहा है. उन्होंने कहा कि भले ही विकास दुबे की मौत हो गयी हो, लेकिन धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत एजेंसी को धनशोधन अपराध और इस आपराधिक गतिविधियों से अर्जित की गयी संपत्तियों को लेकर मुख्य अपराधी के साथियों के खिलाफ जांच की अनुमति है.
अधिकारियों ने कहा कि पीएमएलए कानून की धारा-72 में मृत्यु या दिवालियेपन की सूरत में भी मुकदमा जारी रखने का प्रावधान है. अधिकारियों का कहना है कि दुबे के खिलाफ पुलिस में लगभग 60 प्राथमिकियां दर्ज हैं. इनमें तीन जुलाई की मध्यरात्रि कानपुर जिले के चौबेपुर थाना अंतर्गत बिकरू गांव में उसके घर पर हमले में आठ पुलिसकर्मियों की मौत के संबंध में दर्ज प्राथिमिकी भी शामिल है.
पुलिस का एक दल दुबे को आपराधिक मामले में गिरफ्तार करने गया था. इस दौरान दुबे और उसके साथियों ने छत पर से उन पर ताबड़तोड़ गोलीबारी की थी. उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने शुक्रवार को दुबे (47) को कथित मुठभेड़ में मार गिराया था.
Posted By : Kaushal Kishor