लखनऊ में एक साल में बढ़ गए दो लाख वाहन, पेट्रोल- डीजल के धुंओं ने खराब कर दी आवोहवा, IITR रिपोर्ट में खुलासा

Air quality : वाहनों की संख्या लगातार बढ़ने से लखनऊ में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च (IITR) की ताजा रिपोर्ट में इस बात पर चिंता प्रकट की गई है.

By अनुज शर्मा | June 7, 2023 8:06 PM
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लखनऊ. वाहनों की संख्या लगातार बढ़ने से लखनऊ में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च (IITR) की ताजा रिपोर्ट में इस बात पर चिंता प्रकट की गई है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि शहर में पंजीकृत वाहनों की संख्या में एक साल में करीब दो लाख का इजाफा हुआ है. कुल संख्या की बात करें तो यह आंकड़ा पिछले वर्ष के लगभग 26.5 लाख से बढ़कर इस वर्ष 28 लाख वाहनों की संख्या को पार कर गया है. इसमें दोपहिया वाहनों की संख्या 20 लाख है.अनुसंधान और मूल्यांकन से जुड़े एक वैज्ञानिक के अनुसार, वाहनों की वृद्धि या पेट्रोल की खपत के बीच वायु की गुणवत्ता के साथ कोई सीधा संबंध नहीं बनाया जा सकता है हालांकि, इनसे प्रदूषण हो रहा है. एक बहुत ही सरल दृष्टिकोण से देखा जाए, तो वाहनों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ इन तेलों की खपत में वृद्धि से वायु की गुणवत्ता और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना तय है.

लखनऊ में पंजीकृत वाहनों की संख्या 2022 से 6.3% बढ़ी

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च द्वारा जारी वायु गुणवत्ता पर वार्षिक प्री-मानसून रिपोर्ट में कहा गया है कि इस 2022-2023 में वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण ऑटोमोबाइल था. लखनऊ में पंजीकृत वाहनों की संख्या 2022 से 6.3% बढ़ी है. जिसमें इलेक्ट्रिक सिटी बसों की संख्या में भी 100 की वृद्धि हुई है . पिछले साल 97 इलेक्ट्रिक सिटी बस थीं. इस साल 196 हो गई हैं. आइआइटीआर ने इन नंबरों को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय और राज्य सड़क परिवहन निगम के आंकड़ों से मिलाया गया था. पेट्रोल और डीजल की खपत के आंकड़े देश की प्रमुख तेल कंपनियों के शहर के ईंधन आउटलेट से एकत्र किए गए हैं.

शहर का प्री-मानसून परिवेशी वायु गुणवत्ता मूल्यांकन

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR ) की आइआइटीआर प्रयोगशाला के पर्यावरण निगरानी प्रभाग द्वारा शहर का प्री-मानसून परिवेशी वायु गुणवत्ता मूल्यांकन ( air pollution levels ) किया गया था. 4 जून को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि रिकॉर्ड किए गए वायु प्रदूषण में एक प्रमुख योगदान ऑटोमोबाइल का था, लेकिन दर्ज किए गए ध्वनि प्रदूषण के स्तर की तुलना में यह कम था. रिपोर्ट में कहा गया है कि वायु प्रदूषण कुछ हिस्सों में बेमौसम – छिटपुट वर्षा से भी प्रभावित हुआ है.

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UP News in Hindi उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जहां 20 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं. यह राज्य प्रशासनिक रूप से 75 जिलों और 18 मंडलों में बंटा हुआ है. इसकी राजधानी लखनऊ है. वर्तमान में यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं. लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, सीतापुर, इटावा, मथुरा, मुरादाबाद, मेरठ और बुलंदशहर जैसे शहर इसे पहचान देते हैं. देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है. अक्सर कहा जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है. प्रदेश की हर बड़ी खबर सबसे पहले जानने के लिए जुड़े रहिए प्रभात खबर डिजिटल पर.

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