जयश्री की झालवा और चक निरातुल में 12 बीघा से अधिक जमीन थी. खेती से बची हुई जमीन पर आम,अमरूद के पेड़ लगे थे. वह याद करते हुए बताती है कि एक बिल्डर ने एक सोसायटी बनाई थी, उस सोसायटी के लिए जमीन हड़पने के लिए बल प्रयोग कर रहा था. जयश्री ने कहा कि एक दिन उन्हें विधायक अतीक ने बुलाया था. मुझे अतीक के यहां बुलाया गया था, मैंने सोचा कि अगर विधायकजी ने बुलाया है तो उन्हें कुछ समाधान, मार्गदर्शन मिलेगा.
जयश्री कहती हैं कि जब वे वहां गयीं तो अतीक ने उनको गाली देना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि आपको मुर्गी की तरह काटा जाएगा. यदि आप चाहते हैं कि आपके बच्चे सुरक्षित रहें, तो बेहतर होगा कि आप जमीन को छोड़ दें. विधायक के पास खड़े उसके गर्गों ने जयश्री के भाई को बिजली के झटके दिए . भाई की मौत और अतीक अहमद के 7 हमलों के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी.
उन दिनों को याद करते हुए जयश्री कहती हैं कि एक दिन अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ कार से पहुंचे. भाइयों और उनके गुर्गों ने उसके परिवार पर हमला किया, जिससे उसका बेटा घायल हो गया. रोते हुए बताती हैं कि जान बचाने के लिए वे अपनी पोती के साथ भागी. बाद में उमेश पाल विधायक पूजा पाल के साथ आए, ग्रामीणों और रिश्तेदारों की मदद मिली.