तिकुनिया हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन के भाई पवन का कहना है कि केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के मंत्री रहते एसआइटी निष्पक्ष जांच नहीं कर पा रही है. उनका बेटा आशीष मिश्रा मोनू जेल में था. इसी के चलते उसकी जांच सही हो गई. अजय मिश्र टेनी को बचा लिया गया. उनका सवाल है कि जब पलिया ब्लॉक प्रमुख वीरेंद्र शुक्ला की गाड़ी होने के कारण एसआईटी ने उन्हें आरोपी बना दिया तो थार गाड़ी अजय मिश्र टेनी के नाम होने पर उन्हें आरोपी बनाने से एसआईटी क्यों कतरा रही है.
केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को सजिशकर्ता बताते हुए रमन के पिता रामदुलारे, पत्नी आराधना देवी समेत अन्य ने उनके इस्तीफे की मांग की है. हिंसा में मारे गए किसान नक्षत्र सिंह के बेटे मंदीप का भी कहना है कि जब 13 आरोपियों के अलावा 14वें आरोपी के तौर पर वीरेंद्र शुक्ला का नाम जोड़ा जा सकता है तो केंद्रीय राज्यमंत्री का भी नाम होना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पक्षपात कर रही है. अपने मंत्री को बचाने का पूरा जोर लगा रही है. लेकिन, वो चुप नहीं बैठेंगे. केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी का नाम मुकदमे में बढ़वाने के लिए याचिका दाखिल की जाएगी.
दूसरी तरफ चौखड़ा फार्म निवासी मृतक लवप्रीत सिंह के पिता सतनाम सिंह ने भी चार्जशीट में केंद्रीय राज्मंत्री अजय मिश्र टेनी का नाम नहीं होने पर रोष जताया. उनका कहना है कि जिस थार गाड़ी से घटना हुई है, वो केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के नाम ही दर्ज है. मंत्री का नाम भी चार्जशीट में होना ही चाहिए.
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