UP बार काउंसिल ने हापुड़ के DM – SP का ट्रांसफर कर दोषियों की गिरफ्तारी के लिए सरकार को 48 घंटे का दिया समय
Lawyers- Police Clash: UP के वकीलों के आक्रोश को ठंडा करने सरकार ने पहल शुरू कर दी है. पुलिस मुख्यालय ने शुरू की बार काउंसिल से बातचीत शुरू कर दी है. स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर (उत्तर प्रदेश) प्रशांत कुमार ने इसकी पुष्टि की है.
By अनुज शर्मा | August 30, 2023 9:03 PM
Lawyers- Police Clash : हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज के बाद उत्तर प्रदेश में वकीलों का आक्रोश भड़क गया है. बुधवार को इसने विकराल रूप ले लिया. UP बार काउंसिल ने हापुड़ के डीएम- एसपी का ट्रांसफर करने के साथ ही दोषियों पर एफआईआर के साथ गिरफ्तारी के लिए सरकार को 48 घंटे का समय दिया है. हाईकोर्ट प्रयागराज तथा उसकी लखनऊ खंठपीठ से लेकर जिलों में स्थित सभी कोर्ट में वकीलों ने कार्य बहिष्कार किया. आंदोलन में भागीदारी की. प्रदेश भर में विभिन्न स्थानों पर वकील और पुलिस में भिड़ंत, पुतला दहन तथा नारेबाजी देखने को मिली. मामले के समाधान के लिए मुख्यमंत्री ने मेरठ के कमिश्नर की अध्यक्षता में एक एसआइटी का गठन कर दिया है. सरकार ने बार काउंसिल के पदाधिकारियों से बातचीत शुरू कर दी है.
स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर (उत्तर प्रदेश) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को हापुड में वकीलों और पुलिस के बीच हुई झड़प पर सरकार की तरफ से सफाई दी है. स्पेशल डीजी ने कहा कि “ एक एसआईटी का गठन किया गया है जिसका नेतृत्व कमिश्नर मेरठ करेंगे। एसआईटी को अगले 7 दिनों में मामले की गहनता से जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. हम बार काउंसिल के लोगों के भी संपर्क में हैं.
VIDEO | “An SIT has been formed which will be headed by Commissioner Meerut. The SIT has been directed to submit their report after investigating the matter thoroughly in the next 7 days. We are also in touch with the people of the Bar Council,” says Prashant Kumar, Special DG… pic.twitter.com/OVoYi6AFYk
हापुड़ जिला अदालत परिसर में मंगलवार को अधिवक्ताओं पर पुलिस की लाठी चार्ज के विरोध में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के आह्वान पर बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे. हापुड़ में हुई घटना के मद्देनजर मंगलवार की शाम हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की एक आपात बैठक हुई जिसमें हापुड़ में अधिवक्ताओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की गई और निर्णय लिया गया कि 30 अगस्त को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता हापुड़ की घटना के विरोध में न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वादियों के हितों को ध्यान में रखते हुए किसी भी मुकदमे में कोई प्रतिकूल निर्णय पारित नहीं करने का सभी न्यायमूर्तियों से निवेदन किया गया.
राज्य विधिज्ञ परिषद उत्तर प्रदेश ( BAR COUNCIL OG UTTAR PRADESH) ने तीन प्रमुख मांग उत्तर प्रदेश सरकार के सामने रखी हैं. 48 घंटे में हापुड के डीएम- एसपी और सीओ का ट्रांसफर करने की मांग रखी है. दूसरी मांग दोषी पुलिस अधिकारियों- कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की जाए.बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ का कहना है कि घायल अधिवक्ताओं को मुआवजा दिया जाए. लखनऊ और आसपास के अधिवक्ता मुख्यमंत्री को ज्ञापन देंगे.बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने दो टूक का कहना है कि इस संबंध में यह भी निर्णय लिया गया है कि यदि सरकार ने बार काउंसिल की मांगों पर प्रभावी कार्यवाही नहीं की तो तीन सितंबर को आपात बैठक की जाएगी. इसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी.
तीन दिन पहले हापुड़ जिले में महिला वकील और पुलिस के सिपाही का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वीडियो में गाजियाबाद की एक महिला वकील अपने पिता के साथ कार से जा रही थी. वकील ने बाइक पर सवार सिपाही की वर्दी पर लगी नेमप्लेट को भी नोंच लिया था. इसी वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस ने सिपाही से तहरीर ली और महिला वकील और उसके पिता के खिलाफ सिपाही से मारपीट , वर्दी फाड़ने सहित अन्य तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया. वकीलों का कहना था कि सिपाही महिला वकील की गाड़ी का पीछा और उससे छेड़छाड़ कर रहा था. वकील महिला वकील की एफआईआर दर्ज कराने और एफआइआर दर्ज कराने वाले इंस्पेक्टर को हटवाने की मांग पर अड़े थे. हापुड़ बार एसोसिएशन ने मंगलवार को पुलिस पर फर्जी रिपोर्ट लिखने का आरोप लगाया. तहसील चौराहे पर जाम लगा दिया. पुलिस ने जाम खुलवाने के लिए वकीलों पर लाठी चार्ज कर दिया. इसके विरोध में मंगलवार दोपहर बाद मेरठ कचहरी में भी वकीलों विरोध कर दिया. वहां तैनात पुलिस कर्मियों को कचहरी के बाहर निकाल दिया. इसके बाद वकीलों पर हुई लाठीचार्ज का मामला बढ़ता ही जा रहा है.