करण भूषण सिंह का पहला चुनाव
बृज भूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण शूटिंग के नेशनल खिलाड़ी रह चुके हैं. आस्ट्रेलिया से उन्होंने एमबीए किया है. वर्तमान में वो यूपी कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष हैं. पहली बार वो राजनीति के मैदान में हैं. करण की शादी हो चुकी है. बृज भूषण सिंह छह बाद सांसद रह चुके हैं, लेकिन इस बाद पहलवानों के आंदोलन केा चलते लगातार उनकी छवि पर दाग लग रहे हैं. इसीलिए बीजेपी नेतृत्व उन्हें टिकट देने से बच रहा है. बृज भूषण शरण सिंह पहली बार 1991 में सांसद बने थे. 1996 में जेल में रहते हुए उन्होंने अपनी पत्नी केतकी सिंह को चुनाव लड़ाया और जीत हासिल की. 1998 में वो सपा के कीर्तिवर्द्धन सिंह से हार गए. 1999 में फिर हुए चुनाव में कीर्तिवर्द्धन को मामूल अंतर से हराकर सांसद चुने गए. 2004 में बलरामपुर से सांसद बने. 2009 और 2014 में कैसरगंज से सांसद चुने गए.
रायबरेली से दोबारा प्रत्याशी बने
दिनेश प्रताप सिंह रायबरेली से दूसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इससे पहले वो 2019 में सोनिया गांधी के खिलाफ भी मैदान में उतरे थे. वर्तमान में वो यूपी सरकार में उद्यान मंत्री भी हैं. प्रियंका गांधी और दिनेश प्रताप सिंह का फ्लाइट का एक संवाद काफी चर्चा में भी रहा था. दोनों एक ही फ्लाइट से सफर कर रहे थे. लेकिन दिनेश प्रताप सिंह जिस सीट पर जाकर बैठ गए थे, वो प्रियंका गांधी की थी. प्रियंका के आने पर सीट को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई थी.
पांचवें चरण में चुनाव
रायबरेली और कैसरगंज में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है. रायबरेली गांधी परिवार की पारंपरिक सीट है. इस बार रायबरेली सीट पर अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. साथ ही अमेठी पर भी सस्पेंस लगातार बना हुआ है. उम्मीद है कि आज देर शाम कांग्रेस भी अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी.
जबकि कैसरगंज से बीजेपी के बृज भूषण शरण सिंह दो बार से सांसद रहे हैं.