सोशल मीडिया पर चल रही पीएम का चेहरा बनाने की बात
बीते कई दिनों से बीएसपी प्रमुख मायावती और कांग्रेस के बीच समझौते को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें चल रही थी. इसमें बीएसपी प्रमुख को प्रधानमंत्री के रूप में I.N.D.I.A. गठबंधन का प्रत्याशी बनाने की बात भी चल रही थी. लेकिन न तो कांग्रेस और न ही बीएसपी ने ऐसी कोई बात कही थी. यहां तक कि सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मीडिया ने मायावती के इंडिया गठबंधन में शामिल होने की बात पूछी थी. लेकिन अखिलेश ने चुनाव में जाने की बात कहकर इस सवाल को ही टाल दिया. अब बीएसपी प्रमुख ने स्वयं एक्स पर ऐसे किसी भी समझौते की बात को अफवाह बताया है.
यूपी से अभी तक सिर्फ एक प्रत्याशी घोषित
बीएसपी यूपी की सभी 80 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है. लेकिन अभी तक सिर्फ एक ही अमरोहा सीट पर ही उसने अपना प्रत्याशी घोषित किया है. ये सीट बीएसपी ने 2019 के चुनाव में सपा गठबंधन के साथ जीती थी. अभी 9 सीटें और हैं, जिन्हें बीएसपी-सपा गठबंधन ने जीता था. माना जा रहा है कि बीएसपी की पहली कवायद इन सीटों को ही सुरक्षित रखना है. लेकिन उसके चार सांसद अभी तक दूसरी पार्टियों का रुख कर चुके हैं. ऐसे में बीएसपी के सामने संकट खड़ा हो गया है कि वह अपनी जीती हुई सीटों पर कैसे जिताऊ प्रत्याशी उतारे.
बीएसपी-सपा गठबंधन ने 2019 में जीती थीं 15 सीटें
बीएसपी का 2019 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन था. मोदी लहर के बीच इस गठबंधन ने 15 सीटें जीती थी. इसमें पांच समाजवादी पार्टी और 10 बीएसपी को मिली थी. बीएसपी ने 2019 में सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, नगीना, अंबेडकर नगर, श्रावस्ती, लालगंज, घोसी, गाजीपुर और जौनपुर सीट जीती थी. गाजीपुर से बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी सपा जा चुके हैं और फिर से इसी लोकसभा सीट से प्रत्याशी हैं. अंबेकर नगर से रितेश पांडेय ने भी बीएसपी छोड़कर बीजेपी जॉइन कर ली है. जौनपुर के सांसद श्याम सिंह यादव और घोसी के सांसद अतुल राय भी दूसरा ठिकाना तलाश रहे हैं. इसलिए बीएसपी के सामने अपनी पुरानी सीटों को बचाने का संकट खड़ा हो गया है.