निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने चली सियासी चाल, कहा- भाजपा मुझे उप मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर लड़े तो फायदा होगा

भाजपा में मुख्यमंत्री के चहरे के मुद्दे पर मामला थमने के बाद एनडीए के सहयोगी निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने विधानसभा चुनाव में उप मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने की मांग करके भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

By संवाद न्यूज | June 23, 2021 9:53 PM
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लखनऊ : भाजपा में मुख्यमंत्री के चहरे के मुद्दे पर मामला थमने के बाद एनडीए के सहयोगी निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने विधानसभा चुनाव में उप मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने की मांग करके भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि यदि आगामी विस चुनाव में भाजपा उन्हें उप मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ती है तो इससे भाजपा को ही फायदा होगा. घोषित किया जाए. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह उनके समाज की मांग है. साथ ही उन्होंने केन्द्र और राज्य सरकार से निषादों के लिए मछुआ एसी आरक्षण दिए जाने की भी मांग रखी है.

डॉ. निषाद बुधवार को यहां वीवीआईपी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने प्रदेश में अगले साल होने वाले विस चुनाव में खुद को मुख्यमंत्री बनाने की मांग करते हुए कहा कि भाजपा ने हमें एक प्रदेश सरकार में एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्यसभा की सीट देने का वादा किया था. इसलिए भाजपा को हमें उप मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पेश करना चाहिए. निषाद जाति को आरक्षण दिए जाने की मांग को अपनी पहली प्राथमिकता बताते हुए डॉ. निषाद ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर वह हर पद त्याग सकते हैं. जबतक निषादों को आरक्षण नहीं मिलेगा, हमारी लड़ाई जारी रहेगी.

निषाद पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने मछुआ समाज को आरक्षण देने का वादा किया था, लेकिन उसे अब तक पूरा नहीं किया गया. भाजपा ने निषादों के आरक्षण के मुद्दे को प्राथमिकता में रखने के बजाय नीचे दबा दिया है. जिससे समाज में रोष है. इसका ही नतीजा है कि पंचायत चुनाव में भाजपा को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने निषाद जाति में आने वाली उपजातियों मझवार, गौड़, तुरैया व कोली आदि जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग करते हुए कहा कि बसपा व सपा ने इस मुद्दे पर निषादों को धोखा दिया है और यदि भाजपा भी निषादों की उपेक्षा किया तो 2022 के विस चुनाव में उसे भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

उन्होंने दावा किया कि यूपी की 160 से अधिक विधानसभा की सीटों पर निषाद व उनकी अन्य उपजातियों का दबदबा है. 70 क्षेत्रों में निषाद समुदाय की आबादी 75 हजार से ज्यादा है. निषाद पार्टी 100 सीट जीतने का संकल्प लेकर बूथ स्तर पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने उनकी जाति के लोगों पर जो मुकदमे दर्ज कराए हैं उन्हें वापस दिया जाए. निषाद पार्टी ने लखनऊ में एक कार्यालय दिए जाने की भी मांग की है. बता दें कि संजय निषाद ने हाल में ही दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिलकर आए हैं. वहां भी उन्होंने विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी को उचित सीटें देने की मांग की थी. इसके अलावा उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार में एक-एक मंत्री पद की भी मांग की थी.

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