OM Birla 2.0: सीएम योगी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को दी बधाई, कहा-नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगी संसद की गरिमा

OM Birla 2.0: लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओम बिरला को 'एक्स' पर बधाई दी है. उन्होंने लिखा है कि आपके स्वर्णिम कार्यकाल के लिए अनंत मंगलकामनाएं.

By Amit Yadav | June 26, 2024 5:38 PM
an image

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर ओम बिरला (OM Birla) को बधाई दी है. सीएम योगी ने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर लिखा है कि जनप्रिय, मृदुभाषी राजनेता ओम बिरला को लगातार दूसरी बार लोकसभा का अध्यक्ष चुने जाने पर हृदयतल से बधाई. सीएम ने आगे लिखा है कि पूर्ण विश्वास है कि आपके यशस्वी नेतृत्व में भारतीय लोकतंत्र के मंदिर ‘संसद’ की गरिमा नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगी. आपके स्वर्णिम कार्यकाल के लिए अनंत मंगलकामनाएं.

कांग्रेस चरित्र आज भी अधिनायकवादी: सीएम योगी

अपने एक अन्य बयान में सीएम योगी ने संसद में आपातकाल के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (OM Birla)की ओर से पढ़े गये निंदा प्रस्ताव का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि देश की वर्तमान पीढ़ी को ये जानने का अधिकार है कि कांग्रेस ने आजादी के बाद लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ किस प्रकार का बर्ताव किया था. कांग्रेस में आज भले ही चेहरे बदल गए हों, लेकिन इसका चरित्र अधिनायकवादी और तानाशाही पूर्ण है.

कांग्रेस के काले कारनामे जनता तक पहुंचना जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब जानते हैं कि 25 जून 1975 की मध्य रात्रि में तत्कालीन कांग्रेस नेतृत्व की सरकार ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में उस संविधान का गला घोंटने का कार्य किया था, जिसकी शपथ लेकर वह देश की पीएम बनी थीं. ये देश के लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास था। कांग्रेस के इस काले कारनामों को जनता तक पहुंचाना जरूरी है. आज भारत की संसद ने वही कार्य किया है. कांग्रेस का वर्तमान नेतृत्व संविधान के नाम पर और आरक्षण समाप्त करने के नाम पर देश को गुमराह करता रहा है.

निंदा प्रस्ताव पढ़ा जाना साहसिक कदम

सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक संस्थाओं पर कांग्रेस का आज भी विश्वास नहीं है. भारत की हर संवैधानिक संस्था को कटघरे में खड़ा करना, विदेशों में भारत के लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न खड़ा करना, इनकी आदत है. इन्होंने 75 बार संविधान में संशोधन किए. अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करते हुए 90 बार लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को बर्खास्त किया. देश की अखंडता के साथ खिलवाड़ किया. इनके काले कारनामे की फेहरिस्त में आपातकाल भी आता है. वर्तमान पीढ़ी को इनके काले कारनामों से अवगत कराने के लिए ये निंदा प्रस्ताव पढ़ा गया है. ये एक साहसिक कदम है, जिसके लिए ओम बिड़ला अभिनंदन के पात्र हैं.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version