उन्होंने वहां मीडिया से कहा कि ललितपुर में कुल चार किसानों की मौत हुई है. इनमें से दो ने आत्महत्या की है और दो लोगों की खाद के लिए लाइन में लगने पर भूख से मौत हुई है. उन्होंने कहा कि खाद लेने के लिये यह किसान अपनी जान गंवा रहे हैं. आज किसान दो हजार रुपए की खाद की बोरी लेने के लिए मजबूर हो गए हैं. खाद की बोरी भी वजन में कम हो गई है. पहले 50 किलोग्राम की बोरी आती थी. अब वही बोरी 45 किलोग्राम की आ रही है.
उन्होंने कहा कि यहां के किसानों ने अपनी बदहाली के बारे में बताया कि खाद खरीदने के लिए लंबी लाइन में लगना पड़ता है. यदि वे लाइन छोड़कर घर जाएं तो फिर से लाइन लगानी होती है. दो किसानों की मौत तो लाइन में लगे रहने और भूखा रहने के कारण हो गई है. यह सब सरकार की साठगांठ से हो रहा है. भ्रष्टाचार सभी मिलकर कर रहे हैं. सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है.
उन्होंने मीडिया से कहा कि यहां के किसान बता रहे थे कि अन्ना (आवारा) पशुओं से उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. वे रात-रातभर खेत में जागकर फसल की सुरक्षा करने के लिये मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि किसानों का कहना है कि बारिश तो उनके खेत में भगवान ने दे दी मगर सरकार उन्हें खाद नहीं दे सकी.
उससे पहले आत्महत्या के शिकार किसानों के परिजनों से मिलने पहुंची प्रियंका गांधी को देखकर मृतक किसान की बेटी फूट-फूटकर रोने लगी. उसने कहा कि ऐसा नहीं लगता था कि पिताजी छोड़कर चले जाएंगे. अब भी विश्वास नहीं हो रहा है. बेटी के बहते आंसुओं को देखकर प्रियंका भी भावुक नज़र आईं. उन्होंने उसके सिर पर हाथ रखकर ढांढस दिया. इस बीच किसान के घर में काफी भीड़ दिखी. सुबह से ही पूरे घर का माहौल बदला हुआ नज़र आ रहा था.