दो दिन से किसी के नजर नहीं आने पर लोगों को हुआ शक
उत्तर प्रदेश के रायरबरेली जनपद में आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना-आरेडिका परिसर स्थित अस्पताल में डीएमओ के पद पर नेत्र सर्जन डॉ. अरुण सिंह की तैनाती थी. 45 वर्षीय डॉ. अरुण सिंह का शव उनके सरकारी आवास में फंदे से लटका मिला. वहीं उनकी पत्नी अर्चना, 12 वर्षीय बेटी अदीवा और 4 वर्षीय बेटा आरव के शव बेड पर पड़े मिले. बताया जा रहा है कि डॉक्टर और उनके परिजन दो दिन से आवास के बाहर नहीं देखे जा रहे थे. आवास का दरवाजा भी अंदर से बंद था. संदेह होने पर मंगलवार देर रात आसपास के लोगों ने स्थानीय पुलिस और आरपीएफ को मामले की जानकारी दी. इसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिस क्षेत्राधिकारी महिपाल पाठक और निरीक्षक पंकज त्यागी ने आवास का दरवाजा तोड़वाया. पुलिसकर्मी अंदर पहुंचे तो डॉक्टर शव फंदे से लटका मिला, जबकि पत्नी और दो बच्चों के शव अलग बेड पर मिले.
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बच्चों को किया बेहोश, नस काटने की कोशिश में नाकाम होने पर फंदे पर झूला
बताया जा रहा है कि डॉ. अरुण मीरजापुर जनपद के चुनार क्षेत्र के फरहाना गांव के निवासी थे. डॉक्टर के खुदकुशी से पहले कई तरह के इंजेक्शन लेने की बात भी सामने आई है. प्रथम दृष्टया बच्चों को नशे की कुछ चीजें खिलाकर बेहोश किया गया, उसके बाद उनके सिर पर प्रहार करके मारा गया. बाद में डॉक्टर ने अपनी नसों को काटने की भी कोशिश की. सफल नहीं होने पर कुर्सी की मदद से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
कई दिनों से डिप्रेशन में थे डॉक्टर
पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि मामले को लेकर फॉरेंसिक टीम जांच पड़ताल कर रही है. कमरे के अंदर से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि मेडिकल स्टाफ के लोगों से जानकारी मिली कि डॉक्टर काफी दिनों से डिप्रेशन में थे. सभी शवों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. चार लोगों की मौत की सही वजह पोस्टर्माटम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगी. फिलहाल ये परिजनों की हत्या के बाद खुदकुशी का मामला लग रहा है.पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है. साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.