सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता को लिखा पत्र, कहा ये नेह नाता बहुत पुराना है….
सोनिया गांधी इस बार राज्य सभा की सदस्यता ले रही हैं. इसके लिए उन्होंने जयपुर से नामांकन किया है. इसी के बाद उन्होंने रायबरेली की जनता को मार्मिक पत्र लिखा है.
By Amit Yadav | February 15, 2024 1:11 PM
लखनऊ: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जयपुर से राज्य सभा के लिए नामांकन के बाद रायबरेली लोकसभा की जनता को पत्र लिखकर आभार जताया है. उन्होंने लिखा है कि वह स्वास्थ्य कारणों से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकती हैं. लेकिन मेरा मन प्राण हमेशा आपके पास रहेगा. मुझे पता है कि आप हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभालेंगे जैसे अभी तक संभालते आए हैं. अंतिम लाइन में उन्होंने रायबरेली से लोकसभा 2024 का प्रत्याशी गांधी परिवार से ही होने की संभावना जता दी है. गौरतलब है कि सोनिया गांधी इस बार राज्य सभा की सदस्यता ले रही हैं. इसके लिए उन्होंने जयपुर से नामांकन किया है. इसी के बाद उन्होंने रायबरेली की जनता को पत्र लिखा है.
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और पार्लियामेंट्री पार्टी की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने लिखा है कि रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तों की जड़ें बहुत गहरी हैं. आजादी के पहले हुए लोकसभा चुनाव में अपाने मेरे ससुर फीरोज गांधी को यहां से जिताकर दिल्ली भेजा. उनके बाद सास इंदिरा गांधी को अपना बनाया. तब से अब तक ये सिलसिला आपके प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया. इस पर हमारी आस्था मजबूत होती चली गई.
सोनिया गांधी ने लिखा है कि इसी रोशन रास्ते पर आपने मुझे चलने की जगह दी. सास और जीवनसाथी को हमेशा के लिए खोकर मैं आपके पास आई और आपने अपना आंचल मेरे लिए फैला दिया. जिस तरह आप लोग चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे, यह मैं कभी भूल नहीं सकती.
उन्होंने अपने स्वास्थ्य कारणों के चलते 2024 लोकसभा चुनाव न लड़ने की बात लिखी है. उन्होंने खेद भी जताया है कि अब उन्हें रायबरेली की जनता का सीधी सेवा का मौका नहीं मिलेगा. उन्होंने अंतिम लाइन में लोकसभा की भावी प्रत्याशी गांधी परिवार से ही होने का लगभग खुलासा किया है. अंतिम लाइन में उन्होंने लिखा है कि आप हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभालेंगे जैसे अब तक संभालते हैं.
सोनिया गांधी 2004, 2009, 2014 और 2019 में रायबरेली से सांसद रह चुकी हैं. 1999 में उन्होंने अमेठी और बेल्लारी कर्नाटक से चुनाव लड़ा था. दोनों जगह से जीतने के बाद उन्होंने बेल्लारी सीट छोड़ दी थी. इसके बाद व कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली से चुनाव लड़ने आ गई. 2004 में वह पहली बार रायबरेली से सांसद बनी. 2006 में उन्हें यहां इस्तीफा देना पड़ा था. लेकिन उपचुनाव में उन्होंने फिर से 4.17 लाख वोट से इस सीट को जीत लिया था.
इसके बाद उनकी जीत के अंतर में उतार-चढ़ाव होता रहा है. 2004 में वह 2.5 लाख वोट से जीती थीं. 2009 में ये अंतर 3.7 लाख हो गया. 2014 में यह अंतर 3.5 लाख रहा और 2019 में गिरकर 1.6 लाख ही रहा गया. गौरतलब है कि वर्तमान में यूपी में 2019 में कांग्रेस जो सीट जीती थी वह रायबरेली है. अमेठी में राहुल गांधी हार गए थे. इस बार ये सीट और महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि यदि गांधी परिवार यहां से चुनाव नहीं लड़ा तो फिर से उसका पारंपरिक गढ़ का अंतिम किला भी ढह जाएगा.