1982 में पड़ी सरयू नहर परियोजना की नींव, साल 2021 से 30 लाख किसानों को देगी खुशहाली, 9 जिलों को सिंचाई में लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 11 दिसंबर को इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इससे 9 जनपदों के लगभग 30 लाख किसान लाभान्वित होंगे. साथ ही, यह परियोजना प्रदेश के सर्वांगीण विकास में सहायक बनेगी.
By Prabhat Khabar News Desk | December 9, 2021 7:08 PM
Sarayu canal Projects News: सरयू नहर परियोजना करीब चार दशकों से अपने उद्धार का इंतज़ार कर रही थी. पूर्वांचल के 9 जनपदों के किसान इस परियोजना का बेसब्री से राह देख रहे थे. अब इस परियोजना से सबको सिंचाई में मदद मिलने वाली है. अजब यह है कि साल 1982 में इस परियोजना की नींव रखी गई थी, जिसे वर्ष 2021 में मूर्तरूप दिया जा रहा है. आइए इस परियोजना की बड़ी खासियतों को करीने से समझते हैं…
पूर्वी उत्तर प्रदेश के 9 जिले मसलन गोण्डा, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, बस्ती, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, संतकबीर नगर और गोरखपुर के 14 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए वर्ष 1982 में यह परियोजना शुरू की गई थी. उस समय इस परियोजना की लागत 299 करोड़ रुपए थी. वर्ष 2010 में इस योजना की लागत बढ़कर 7,270 करोड़ रुपए हो गई. वर्ष 2018 में इस परियोजना की पुर्नरीक्षित लागत 9,802.68 करोड़ पर पहुंच गई. इस बीच इस परियोजना के तहत जितने कार्य अब तक पूरे हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 15 लाख हेक्टेयर में से अब तक 6 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होने लगी है. जो 11 दिसंबर को बढ़कर 15 लाख हेक्टेयर का क्षेत्रफल छू लेगी.
हमारा सौभाग्य है कि 04 दशकों से लंबित 'सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना' को डबल इंजन की सरकार में पूर्ण किया गया है। पीएम श्री @narendramodi 11 दिसंबर को इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
इस बाबत गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकार्पण से पहले बलरामपुर में पहुंचकर निरीक्षण किया. इस संबंध में उनके आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से सूचना भी जारी की गई. बताया गया, ‘तकरीबन ₹10,000 करोड़ रुपए की लागत वाली ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ से 6,227 गांवों की लगभग 15 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी. कृषि एवं कृषक उत्थान को समर्पित ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ विकास के नए मानक स्थापित करेगी.’
इसी क्रम में आगे बताया गया, ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ चार दशकों से अधिक समय से लंबित थी. प्रधानमंत्री आगामी 11 दिसंबर को इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इससे 9 जनपदों के लगभग 30 लाख किसान लाभान्वित होंगे. साथ ही, यह परियोजना प्रदेश के सर्वांगीण विकास में सहायक बनेगी.’ इस दौरान सीएम बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच में निरीक्षण करने पहुंचे थे.