COVID19 से जंग में शामिल हुए प्रौद्योगिकी के महारथी, मास्क, वेंटिलेटर से लेकर बस तक का किया निर्माण, …देखें तस्वीरें

कानपुर : देश में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ जंग में डॉक्टरों, पुलिसकर्मियों और सफाईकर्मी के साथ-साथ 'प्रौद्योगिकी' के महारथी भी एकजुट हो गये हैं. वह तकनीक, शोध और मजबूत इच्छाशक्ति से खतरनाक वायरस को भगाने के लिए तैयार हैं. उनका कहना है कि आईआईटी काउंसिल को गर्व है कि यह भारत में अपनी तरह की पहली पहल है. हम प्रौद्योगिकी समाधान के साथ कोविड-19 से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

By Kaushal Kishor | May 14, 2020 3:03 PM
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कानपुर : देश में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ जंग में डॉक्टरों, पुलिसकर्मियों और सफाईकर्मी के साथ-साथ ‘प्रौद्योगिकी’ के महारथी भी एकजुट हो गये हैं. वह तकनीक, शोध और मजबूत इच्छाशक्ति से खतरनाक वायरस को भगाने के लिए तैयार हैं. उनका कहना है कि आईआईटी काउंसिल को गर्व है कि यह भारत में अपनी तरह की पहली पहल है. हम प्रौद्योगिकी समाधान के साथ कोविड-19 से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

देश की 23 आइआइटी के पुरातन छात्रों ने ‘कोविड-19 टास्क फोर्स’ बनायी है. इसमें एक हजार से अधिक सदस्य शामिल हैं. दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई (मद्रास), पंजाब, चंडीगढ़, कानपुर जैसे देश के अलग-अलग हिस्सों समेत 100 से अधिक शहरों में रह कर प्रौद्योगिकी के महारथी काम करेंगे. इनका सहयोग देश में ही नहीं, विदेश में रह रहे एल्युमिनाइ काउंसिल के 55 से 60 हजार सदस्य कर रहे हैं. आईआईटी कानपुर के निदेशक ने ट्वीट कर बताया कि केंद्रीय मंत्री डॉ आरपी निशंक ने फोन कर आईआईटी कानपुर की के बारे में जानकारी ली. साथ ही उन्होंने कोविड 19 पर आईआईटी कानपुर संकाय और छात्रों द्वारा अनुसंधान और नवाचारों की प्रगति की सराहना की. साथ ही कहा कि हमारे प्रयासों को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया. साथ ही सभी संकायों, कर्मचारियों और छात्रों को शुभकामनाएं दीं.

आइआइटी से पास होकर निकले छात्रों की एल्युमिनाई काउंसिल बनी है. यह पुरातन छात्रों से संबंधित मामलों को देखते हैं. हर साल इसके सदस्य एल्युमिनाई मीट और अन्य अवसरों पर संस्थानों में आते हैं. कोरोना का संक्रमण बढ़ने पर परिषद ने इसकी रोकथाम के लिए तकनीकी सहयोग करने का निर्णय लिया. इसके पदाधिकारियों और सदस्यों के बीच बैठक हुई. इसमें मिलकर काम करने की रणनीति बनायी गयी. इस कार्य को और भी बेहतर बनाने के लिए अलग टास्क फोर्स गठित कर दिया गया. इसकी जिम्मेदारी आइआइटी कानपुर के पुरातन छात्र और भारत सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक ऑफिसर डॉ के विजय राघवन को मिली है. इस टास्क फोर्स में बायोटेक्नोलॉजी, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, टफिशियल इंटेलीजेंस और केमिकल इंजीनियरिंग ब्रांच से जुड़े पुराने छात्र शामिल हैं.

  • कोरोना संदिग्धों का सैंपल लेने के लिए खास तरह की बस बनायी.

  • लो कॉस्ट वेंटीलेटर का निर्माण किया

  • एल्गोरिथम का इस्तेमाल कर पूल टेस्टिंग आसान की

  • संक्रमण का पता लगाने के लिए टेस्टिंग किट विकसित कर रहे

  • एक्स-रे के माध्यम से ही संक्रमण पता लगाने की तैयारी

  • ड्रोन से सैनिटाइजेशन की तकनीक विकसित

  • कोरोना के जीन की तलाश

  • किन स्थितियों में समाप्त होता है वायरस

आइआइटी एल्युमिनाई काउंसिल की ओर से गठित टास्क फोर्स दिन और रात एक किये हुए है. इनमें एक हजार सदस्य तो सीधे तौर पर शामिल हैं, जबकि करीब 60 हजार सदस्य सहयोग कर रहे हैं.
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