यूपी एटीएस में तैनात एडिशनल एसपी राहुल श्रीवास्तव को दुष्कर्म के आरोप में पूर्व डीजीपी की संस्तुति पर शासन की तरफ से सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं. दूसरी तरफ पीड़िता ने अपने मजिस्ट्रेट के सामने बयान (164) में सभी आरोपों को दोहराया है. यूपी पुलिस के सोशल मीडिया प्रभारी एएसपी राहुल श्रीवास्तव पर एक छात्रा ने गोमतीनगर थाने में पांच जनवरी की रात दुष्कर्म व जबरन अबॉर्शन कराने की धारा में एफआईआर दर्ज कराई थी. लखनऊ पुलिस इस मामले में कभी भी गिरफ्तारी कर सकती है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक पीड़िता ने अपने मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में एफआईआर में दर्ज शिकायत को आधार बनाते हुए बयान दर्ज कराए हैं. जिसमें कहा है कि लखनऊ के चार बड़े होटल में उसके साथ ब्लैकमेल कर दुष्कर्म किया गया. वाराणसी और दिल्ली में भी एक एक होटल में ले जाया गया. जिसके सबूत भी दिए हैं. वहीं पुलिस भी विवेचना के दौरान उन्हें इकट्ठा कर रही है. पीड़िता ने मुख्यमंत्री से लेकर पुलिस अधिकारियों तक आरोपी राहुल श्रीवास्तव के पद और पहुंच का उपयोग कर जांच को प्रभावित करने की शिकायत की थी. जिसके बाद मामला तूल पकड़ने पर गुपचुप तरीके से राहुल श्रीवास्तव को सस्पेंड कर दिया गया है. हालांकि, मुकदमा दर्ज होते ही उनको पुलिस मुख्यालय आने से रोक दिया गया था. जिसके बाद वह लंबी छुट्टी पर चले गए और खुद की बेहगुनाही साबित करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. दूसरी तरफ राहुल के सस्पेंड होने और विभागीय जांच के आदेश के बाद उनकी गिरफ्तारी होना तय माना जा रहा है.
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