केंद्र सरकार के नए चुनाव सुधार के तहत वोटर लिस्ट में सुधार, वोटिंग प्रक्रिया को और अधिक समावेशी बनाने और चुनाव आयोग को ज्यादा अधिकार देने के कदम उठाए जाएंगे. मतदाता परिचय पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने का मकसद डुप्लीकेट वोटर आईडी से होने वाले फ्राड को रोकना है.
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ध्यान देने योग्य बात यह है कि वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने का फैसला स्वैच्छिक होगा. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निजता के अधिकार के फैसला का भी ध्यान रखा जाएगा.
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निर्वाचन आयोग के मुताबिक, इन चुनाव सुधारों को लेकर उसके पायलट प्रोजेक्ट के बहुत पॉजिटिव रिजल्ट आए हैं. यह सफल रहा है. ऐसे में अगर आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ा गया तो डुप्लीकेट वोटर आईडी की समस्या समाप्त होगी.
नए चुनाव सुधार के तहत, वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए साल में चार बार मौका दिया जाएगा. अभी वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने की कटऑफ तारीख एक जनवरी है. इस दिन तक 18 साल की उम्र के युवक अपना नाम जुड़वा सकते हैं.
Posted By: Achyut Kumar