किसानों के साथ उद्यमियों के लिए भी होगा अवसर
कृषि कुंभ किसानों के साथ खेतीबाड़ी को केंद्र में रखकर उपकरण बनाने वाली कंपनियों के लिए भी एक बेहतरीन अवसर साबित होगा. इनको अपनी तकनीकों एवं उत्पादों के जीवंत प्रदर्शन एवं सक्षम क्रेताओं के समक्ष प्रचार-प्रसार का अवसर मिलेगा.
खेतीबाड़ी से जुड़े सभी विभाग लेंगे भाग
इस कुंभ में कृषि के साथ खेतीबाड़ी से जुड़े सभी विभाग अपनी सभी योजनाओं के साथ स्टाल लगाएंगे. साथ ही खेतीबाड़ी की बेहतरी के लिए किए जा रहे कार्यों का जीवंत डिमांस्ट्रेशन भी देंगे. इसमें पशुपालन, गन्ना, रेशम, मत्स्य, उद्यान, उप्र भूमि सुधार निगम आदि शामिल हैं.
इन विषयों पर होगा फोकस
कृषि कुंभ में फसल विविधीकरण, जैविक खेती, भूजल संरक्षण, फल-फूल की खेती, हाइड्रोपोनिक्स, वर्टिकल गार्डन, औषधीय पौधों की खेती, पशुपालन के उन्नत तरीकों के अलावा कुक्कुट, तीतर, बटेर, बकरी पालन, मछली के साथ बत्तख पालन, सिंघाड़े एवं मखाने की खेती, रंगीन एवं सजावट के लिए मछली पालन, रेशम की खेती, ऊसर भूमि का सुधार, एग्रो फारेस्ट्री, आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी.
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महत्वपूर्ण विष्य पर होंगी कार्यशालाएं
इस मौके पर कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर कार्यशालाएं भी होंगी. संस्थान के सभागार के अलावा आयोजन स्थल पर इनके लिए अलग से तीन सभागार होंगे. अलग-अलग सत्रों के विषय एवं पैनल विशेषज्ञों का चयन उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद करेगा. प्रस्तावित विषयों में गौ आधारित प्राकृतिक खेती, मोटे अनाजों की उपयोगिता, कृषि क्षेत्र में कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) की भूमिका, डिजिटल खेती, कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप, कृषि यंत्रीकरण के लाभ, पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन होंगे. इसके अलावा कुछ कंपनियों एवं संस्थाओं से एमओयू भी होंगे.
किसानों की आय बढ़ेगी
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि अंतराष्ट्रीय कृषि कुंभ के जरिए प्रदेश के किसान वैश्विक स्तर की तकनीक से वाकिफ होंगे. इनमें से कुछ प्रगतिशील एवं नवाचारी किसान इनका प्रयोग करेंगे. इनको देखकर आसपास के किसान भी क्रमशः यह सिलसिला बन जाएगा. ऐसा होने पर किसानों की आय बढ़ेगी. वह खुशहाल होंगे. लगातार यही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हम सबकी मंशा भी है. यही आयोजन का उद्देश्य भी है.