इसके साथ ही लिखा है पश्चिम बंगाल की ममता सरकार का दोहरा चरित्र एक बार फिर उजागर हो गया है. जनता सब देख रही है. एक तस्वीर के साथ लिखा है कि टीएमसी के गुंडों के आगे राजनीतिक दबाव में असहाय पुलिस. वहीं, दूसरी तस्वीर के साथ लिखा गया है शांतिप्रिय राम भक्तों पर दमकारी कार्रवाई.
श्री विजयवर्गीय ने लिखा है कि ये हालत है पश्चिम बंगाल पुलिस की. वोटों की राजनीति ने इस राज्य को इस स्थिति में ला दिया कि अल्पसंख्यक बेखौफ पुलिस की गाड़ी के बोनट पर बैठ जाते हैं. दूसरी तरफ पुलिस राम भक्तों को मंदिर से घसीट कर निकालकर पकड़ ले जाती है.
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उन्होंने सीएम ममता बनर्जी से सवाल किया कि यह क्या हो रहा है? दूसरी ओर, प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने कटाक्ष करते हुए कहा कि राम जन्मभूमि पूजन के अवसर पर पूरा देश जश्न मना रहा था. वहीं, पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन के नाम मंदिर जाने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, जबकि राजाबाजार में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग खुलेआम पुलिस की गाड़ी के बोनट पर बैठ कर विरोध सभा कर रहे थे. पुलिस उन्हें नहीं रोक पा रही थी.
उन्होंने कहा कि ममता सरकार की पुलिस केवल भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ ही काम करती है, जबकि राज्य में अपराधी सरेआम घूम रहे हैं. अल्पसंख्यक समुदाय के लोग खुलेआम लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते हैं. पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है. यह पूरी तरह से तुष्टिकरण की राजनीति है. इससे कोरोना के संक्रमण पर लगाम लगाना मुश्किल है.