Kolkata News: अवैध कॉल सेंटर पर रेड, 1.18 करोड़ नकद बरामद, चार आरोपी गिरफ्तार

Heavy Rain Alert: एक नया पश्चिमी विक्षोभ आज से एक्टिव हो रहा है. इसके कारण कई राज्यों में मौसम का मिजाज बदलने वाला है. 26 फरवरी से लेकर एक मार्च तक पश्चिमी विक्षोभ का असर दिख सकता है. इसके बाद पूरे देश में कही भी मौसम को लेकर आईएमडी ने चेतावनी नहीं जारी की है.  

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 26, 2025 11:05 PM
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Kolkata News: कोलकाता पुलिस की खुफिया शाखा ने अवैध कॉल सेंटर की आड़ में भारतीयों के साथ ही विदेशी नागरिकों से धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. मंगलवार (26 फरवरी) की रात पुलिस ने गार्डेनरीच थाना के आयरन गेट रोड स्थित व्हाइट हाउस बिल्डिंग में छापेमारी कर गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस को आरोपियों के ठिकाने से करीब 1.18 करोड़ रुपये नकद और सोने के कुछ गहनों के साथ-साथ कई और सामान जब्त किए हैं.

मुखबिरों ने दी थी जानकारी

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मुखबिरों से कोलकाता पुलिस की गुप्तचर शाखा को अवैध कॉल सेंटर की जानकारी दी थी. पुख्ता तथ्य मिलते ही गार्डेनरीच इलाका स्थित उक्त कॉल सेंटर में छापेमारी की गयी. वहां से गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपियों के नाम मुर्शिद खान, जस्टिन पॉल, मोहम्मद शाहरुख और खालिद यूसुफ खान है. आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 61(2), 319(2), 318(4), 336(2), 336(3), 338, 340(2) और आईटी एक्ट की 66, 66 सी, 66 डी, 43 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

लोगों से करती थे धोखाधड़ी

आरोपी कंप्यूटर में टेक्निकल सपोर्ट दिलाने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करते थे. उन्होंने कुल कितने लोगों को ठगी का शिकार बनाया है, पुलिस इसकी जांच कर रही है. अवैध कॉल सेंटर में छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में नकद राशि और गहने ही नहीं, बल्कि कुछ लैपटॉप, राउटर और अन्य दस्तावेज भी जब्त किये गये हैं. पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाने की कोशिश में जुटी हुई है.

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गिरोह के सदस्य डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर भी करते थे ठगी

गिरोह के सदस्यों पर आरोप है कि अवैध कॉल सेंटर की आड़ में अलग-अलग तरीकों से लोगों से ठगी करते थे. आरोप है कि लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने का भय दिखाकर भी उनसे रुपये ऐंठे जाते थे. इतना ही नहीं, आरोपियों ने अमेरिकी और ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को खुद को प्रतिष्ठित कंपनी से जुड़ा होने व उन्हें कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की तकनीकी मदद के नाम पर भी झांसा दिया. आरोपी तकनीकी सहायता के नाम पर पीड़ितों के कंप्यूटर व लैपटॉप पर रिमोट एक्सेस कर लेते थे. फिर उनके कंप्यूटर के हैक होने की बात कहकर उन्हें तकनीकी मदद के नाम पर बैंक व अन्य निजी जानकारी का पता लगाकर उन्हें चूना लगाया जाता था.

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