चुंचुड़ा नगरपालिका में 11 घंटे बाद घेराव समाप्त
मंगलवार को हुगली-चुंचुड़ा नगरपालिका में लगभग 11 घंटे तक चले घेराव के बाद पुलिस के हस्तक्षेप से चेयरमैन, पार्षदों और पालिका अधिकारियों को मुक्त कराया गया.
प्रतिनिधि, हुगली.
मंगलवार को हुगली-चुंचुड़ा नगरपालिका में लगभग 11 घंटे तक चले घेराव के बाद पुलिस के हस्तक्षेप से चेयरमैन, पार्षदों और पालिका अधिकारियों को मुक्त कराया गया. यह घेराव नगरपालिका के अस्थायी कर्मचारियों ने अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर किया था. कर्मचारियों की मुख्य मांगों में 65 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर पांच लाख रुपये का एकमुश्त मुआवजा और दैनिक मजदूरी में 100 रुपये की वृद्धि शामिल थी. बताया गया कि 17 जून को हुई बोर्ड मीटिंग में वेतन वृद्धि और सेवानिवृत्ति संबंधी मुद्दों पर चर्चा हुई थी.
सोमवार को जब मासिक बोर्ड मीटिंग चल रही थी, तभी अस्थायी कर्मचारी बैठक कक्ष के बाहर धरने पर बैठ गये और चेतावनी दी कि मांगें पूरी होने तक किसी को बाहर नहीं जाने दिया जायेगा. रात करीब 11 बजे चुंचुड़ा थाने के आइसी रामेश्वर ओझा के नेतृत्व में भारी पुलिस बल नगर निगम कार्यालय पहुंचा. आइसी ने श्रमिक नेता राधेश्याम शंखबणिक और हुगली सदर की एसडीओ स्मिता सान्याल शुक्ला से बातचीत की. श्रमिक नेताओं राधेश्याम शंखबणिक और स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने बताया कि मंगलवार को एसडीओ स्वयं श्रमिकों के साथ बैठक करेंगी. इसके बाद कड़ी पुलिस सुरक्षा में नगर निगम प्रमुख, पार्षदों और अधिकारियों को बाहर निकाला गया.
श्रमिकों का कहना है कि वे मंगलवार से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू करेंगे. यदि बातचीत से कोई समाधान निकलता है, तो वे काम पर लौटेंगे, अन्यथा हड़ताल जारी रहेगी. उन्हें उम्मीद है कि एसडीओ के हस्तक्षेप से समाधान मिलेगा, जैसा कि पहले भी हुआ है. वहीं, नगरपालिका चेयरमैन ने कहा है कि जो कर्मचारी काम पर नहीं लौटेंगे, उन्हें सेवा से हटा दिया जायेगा.
उन्होंने इस आंदोलन को पूर्वनियोजित और उद्देश्यप्रेरित बताया.
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