झूठा केस दर्ज कराने का आरोप लगाया गया है मम्पी दास पर
जानकारी के मुताबिक, कथित तौर पर डरा-धमका कर दुष्कर्म का झूठा केस दर्ज कराने का आरोप मम्पी दास पर लगाया गया है. हाल ही में संदेशखाली की एक गृहिणी ने भी संदेशखाली थाने में शिकायत की थी कि मम्पी ने उससे रेप की झूठी शिकायत दर्ज कराने को कहा था, उसके गिरफ्तार भाई को रिहा कराने की शर्त पर. बाद में शिकायत वापस लेनी चाही तो भाजपा ने दबाव बनाया था. संदेशखाली के ”स्टिंग” वीडियो में भी मम्पी उर्फ पियाली का उल्लेख भाजपा नेता गंगाधर कयाल ने भी किया था.
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मप्पी ने लगाया था आरोप, उन्हें अवैध तरीके से किया गया था गिरफ्तार
इसके बाद ही गत सात मई को मम्पी दास के खिलाफ जमानती धारा के तहत एफआईआर दर्ज की गयी थी. दो दिन बाद पुलिस ने धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया था. उन्हें 14 मई को तब गिरफ्तार किया गया था जब वह निचली अदालत में आत्मसमर्पण कर जमानती धारा के तहत जमानत मांगने गयी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें अवैध तरीके से गिरफ्तार किया गया. निचली अदालत ने सात दिनों की जेल हिरासत का नि्र्देश दिया. इसके बाद हाईकोर्ट में गयी. शुक्रवार को हाईकोर्ट के जस्टिस जय सेनगुप्ता की बेंच में हुई सुनवाई में जज ने गिरफ्तारी पर कई सवाल उठाये.
मामले की अगली सुनवाई 19 जून को होगी
आरोप है कि मम्पी की गिरफ्तारी के मामले में धारा 195ए को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया. जज ने पूछा कि मजिस्ट्रेट ने क्या किया ? अनुच्छेद 195ए पर सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं. फिर उन्होंने हिरासत में भेजने का आदेश कैसे दे दिया ? ऐसी गिरफ्तारी के पीछे का मास्टरमाइंड कौन है ? इस मामले को कौन अधिकारी देख रहा है? गिरफ्तार क्यों किया, इसकी विस्तृत रिपोर्ट राज्य सरकार से दे. साथ ही जज ने मम्पी के खिलाफ धारा 195ए के तहत दर्ज शिकायत भी निलंबित करने को कहा. मामले की अगली सुनवाई 19 जून को होगी.
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