शरणार्थी बनकर रात गुजार रहे हैं कई परिवार
न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुर्शिदाबाद हिंसा से प्रभावित परिवारों को मालदा जिले के एक आश्रय गृह में फिलहाल रखा गया है. बीते दिनों मुर्शिदाबाद हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने इन इलाकों में दुकानें, होटल और घरों को जला दिया था. हिंसा के कारण कई लोगों को अपने घर और जमीन छोड़कर वहां से भागना पड़ा था. पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक अपने परिवार के चार अन्य सदस्यों के साथ मुर्शिदाबाद से पलायन करने वाली एक युवती ने बताया “हम धुलियान के मंदिरपाड़ा इलाके से इसलिए भागे क्योंकि हमारे घरों में आग लगा दी गई थी. महिलाओं और लड़कियों के साथ बाहरी लोगों तथा कुछ स्थानीय लोगों के एक समूह ने छेड़छाड़ की थी.”
हमें अपने घर छोड़ने के लिए कहा- पीड़िता
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित महिला ने दावा किया “उन्होंने बम फेंके, हमें तुरंत अपने घर छोड़ने के लिए कहा. उन्होंने हमारे घर के पुरुषों के साथ मारपीट की. हम अपनी जान को लेकर डरे हुए थे और केंद्रीय बलों की मदद से अपने घरों से भागे.” एक अन्य बुजुर्ग महिला ने कहा “हमने हमलावरों से हाथ जोड़कर माफी मांगी, जबकि हमने कोई गलत काम नहीं किया था. हथियार लहराते हुए हमलावरों ने बहुत अत्याचार किए. मैं, मेरा बेटा, बहू और पोता अपना कुछ सामान लेकर भाग निकले. नहीं तो हम मारे जाते.”
400 लोग पलायन करने को मजबूर (Murshidabad Violence)
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि हिंसा के बाद धुलियान से 400 लोग पलायन करने को मजबूर हुए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि कट्टरपंथियों के डर के कारण मुर्शिदाबाद से 400 से अधिक नागरिक नदी पार भागने और मालदा में शरण लेने के लिए मजबूर हुए हैं. बीजेपी नेता ने इस दौरान टीएमसी नेता पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाया.
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