विस्फोट की घटना के बाद दोनों संदिग्ध आ गए थे बंगाल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विस्फोट की घटना के बाद दोनों संदिग्ध पश्चिम बंगाल चले गए थे. वे वहीं छुपे हुए थे. एनआईए की एक टीम को आखिरकार उनके ठिकाने का पता चल गया और उसने वहां छापा मारा. मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथिन अहमद को गिरफ्तार कर लिया गया. 1 मार्च को एक शख्स रामेश्वरम कैफे में घुसा और विस्फोटकों से भरा बैग छोड़ गया. इसमें टाइमर सेट था. एक घंटे बाद एक विस्फोट हुआ. 10 लोग घायल हो गए. पुलिस ने कहा कि विस्फोट को अंजाम देने के लिए आईईडी का इस्तेमाल किया गया था. लेकिन चूंकि विस्फोटक का स्तर बहुत अधिक नहीं था, इसलिए प्रभाव इतना तीव्र नहीं था. एनआईए ने तीन मार्च को घटना की जांच अपने हाथ में ली थी. केंद्रीय एजेंसी के मुताबिक मुजम्मिल इस घटना के मुख्य आरोपियों में से एक है. 27 दिन बाद मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
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एनआईए अधिकारियों ने उसे ढूंढने के लिए कर्नाटक में 12 इलाकों, तमिलनाडु में पांच इलाकों और उत्तर प्रदेश में एक जगह तलाशी ली. मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद एनआईए ने दो अन्य संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी. उनका दावा है, मुजम्मिल के साथ शाजिब और अब्दुल भी इस घटना में सक्रिय रूप से शामिल था. शाजिब ने ही मुजम्मिल को विस्फोटक मुहैया कराया था.और इस पूरी विस्फोट की घटना को अब्दुल ने अंजाम दिया था.एनआईए सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार सुबह सर्च ऑपरेशन के दौरान दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. ऑपरेशन में पश्चिम बंगाल पुलिस के अलावा तेलंगाना, केरल और कर्नाटक की पुलिस भी शामिल थी. घटना के करीब डेढ़ महीने बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
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