क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन ने निजी अस्पतालों के लिए जारी एडवाइजरी के तहत राज्य सरकार ने निजी लैब में कोविड की जांच की कीमत तय कर दी है. निजी लैब में 2,250 रुपये में जांच किया जा रहा है. पर कई ऐसे भी निजी अस्पताल हैं, जो जांच के लिए तय रेट से अधिक पैसे ले रहे हैं. कमीशन ऐसे अस्पतालों को हिदायत दी है कि वे जांच के लिए तय रेट से अधिक पैसे न लें.
कोविड जांच के लिए संदिग्ध व्यक्ति या मरीजों के घर जाकर भी नमूने संग्रह किया जा सकता है. पर, इसके लिए जांच केंद्र से मरीज के घर तक प्रति किलोमीटर 15 रुपये की दर से ही ट्रांसपोर्टेशन चार्ज निजी अस्पताल ले सकेंगे. कोविड प्रोटेक्शन चार्ज के नाम पर भी अस्पतालों में लूट मची हुई है.
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अस्पताल में भर्ती कोविड या नॉन कोविड मरीजों से हैंड सैनिटाइजर, मास्क, पीपीई किट एवं ऐसे अन्य उपकरणों के लिए हजारों रुपये मरीजों से वसूले जा रहे हैं. आउटडोर में आने वाले मरीजों से भी कोविड प्रोटेक्शन चार्ज लिया जा रहा है, लेकिन अब कमीशन ने इसके लिए भी रेट तय कर दिया है. इंडोर वार्ड में भर्ती मरीज से प्रतिदिन 1000 की दर से कोविड प्रोटेक्शन फी लेना होगा. इसी तरह आउटडोर विभाग में आने वाले मरीजों से इसके लिए मात्र 50 रुपया ही लेने का निर्देश दिया गया है.
चिकित्सक की अनुमति के बगैर कीमती एंटीबायोटिक दवाएं मरीज को नहीं दिया जा सकता. इसलिए अस्पताल की फॉर्मसी में कम दाम वाले एंटीबायोटिक दवा भी रखने की सलाह दी गयी है. कोविड संक्रमण मुक्त होने के तुरंत बाद मरीज को छुट्टी देने को कहा गया है. अगर संक्रमण मुक्त होने के बाद भी मरीज अस्पताल में रहना चाहता है, तो उसे अस्पताल के सेटेलाइट सेंटर या सेफ होम में स्थानांतरित करने को कहा गया है. चिकित्सक की अनुमति से ही मरीज को आईसीयू या आईटीयू विभाग में शिफ्ट किये जाने को कहा गया है.
Posted By : Samir Ranjan.