WB News : राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका, संदेशखाली मामले में सीबीआई जांच की याचिका पर सुनवाई जुलाई तक के लिए स्थगित
WB News : सुप्रीम कोर्ट ने संदेशखाली में सीबीआई जांच का विरोध करने वाले राज्य के मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी है.
By Shinki Singh | April 29, 2024 3:45 PM
WB News : सुप्रीम कोर्ट ने संदेशखाली में जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोपों की सीबीआई (CBI) जांच के निर्देश देने वाले कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने संदेशखाली में सीबीआई जांच का विरोध करने वाले राज्य के मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी. मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पूछा कि मामले से जुड़ी अहम जानकारी और दस्तावेज सरकार के हाथ आ गए हैं. उन्होंने मामले को 2-3 सप्ताह तक लंबित रखने का भी अनुरोध किया. इसके बाद न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की खंडपीठ ने टिप्पणी की, जिसमें कहा गया कि मामले में महत्वपूर्ण आरोप हैं. महिलाओं पर अत्याचार, जमीन हड़पने के भी आरोप हैं.
Supreme Court adjourns hearing on West Bengal Govt plea challenging Calcutta High Court order directing CBI investigation into allegations of land grabbing and sexual assault in Sandeshkhali till July. pic.twitter.com/rNq6OfTFiz
संदेशखाली के आसपास विदेशी हथियार तस्करी का गिरोह सक्रिय
कलकत्ता हाई कोर्ट ने जमीन हड़पने के आरोपों के बाद संदेशखाली में महिला उत्पीड़न के आरोपों की जांच भी सीबीआई को दे दी है. यह जिम्मेदारी मिलने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने गुरुवार को महिला उत्पीड़न के मामले पर एफआईआर दर्ज की. राज्य सरकार ने सीबीआई जांच का विरोध करते हुए पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया था.उस दिन संदेशखाली के करीबी नेता शाहजहां शेख के घर से विदेशी हथियार बरामद हुए थे. ख़तरे को भांपते हुए एनएसजी को उतार लिया गया. माना जा रहा है कि संदेशखाली के आसपास विदेशी हथियार तस्करी का गिरोह सक्रिय है.
फिलहाल संदेशखाली की स्थिति को देखते हुए राज्य की ओर से दायर मामला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ में सुनवाई के लिए आया. राज्य की ओर से वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सवाल उठाया. उनका अनुरोध था कि इस संबंध में कुछ नई जानकारी हाथ लगी है, उसे जमा करने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया जाए. जिसे सुनने के बाद जजों ने कहा कि मामले की सुनवाई जुलाई में दोबारा होगी. लेकिन तब तक जांच वैसे ही चलती रहेगी जैसे चल रही थी. इसमें खलल नहीं डालना चाहिए.