जल्द शुरू होगी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया
राजगीर एयरपोर्ट के लिए जिला प्रशासन की ओर से मेयार, बढ़ौना, बड़हरी, पथरौरा और गोरौर मौजा में 1300 एकड़ जमीन का चयन किया गया है. भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण की टीम ने चयनित स्थल का भौतिक निरीक्षण पूरा कर लिया है और इसे उपयुक्त माना है. जल्द ही बाधा सीमा सतह सर्वेक्षण के लिए विशेषज्ञों की टीम निरीक्षण कर सकती है. नक्शा तैयार होने के बाद अब जल्द ही भूमि अधिग्रहण की भी प्रक्रिया शुरू होगी. कहा जा रहा है कि, इस एयरपोर्ट के जरिये पर्यटकों को खास सहूलियत मिलेगी.
ये सभी होंगी सुविधाएं…
वहीं, सुविधाओं की बात करें तो, यहां आने वाले पर्यटकों को तमाम तरह की सुविधाएं दी जायेंगी. होटल, रेस्तरा, परिवहन सेवाओं और गाइड भी उपलब्ध रहेंगे. इसके साथ ही हस्तशिल्प उद्योग को नए रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे. इससे बिहार की अर्थव्यवस्था में भी व्यापक बदलाव की उम्मीद है. इसके साथ ही होटल, रिसॉर्ट, एडवेंचर टूरिज्म, खेल पर्यटन और परिवहन जैसे क्षेत्रों में निवेश की असीम संभावनाएं हैं. बता दें कि, स्थानीय कारीगरों और व्यापारियों को भी लाभ मिलने की बात कही जा रही है. दरअसल, पर्यटकों की संख्या बढ़ने से हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों की मांग में इजाफा होगा.
देश और दुनिया से सीधे जुड़ेगा राजगीर
यहां गौर करने वाली बात यह है कि, वर्तमान में राजगीर तक पहुंचने के लिए सड़क या फिर रेल मार्ग के जरिये लोग पहुंचते हैं. निकटतम हवाई अड्डे गया और पटना में हैं, जो राजगीर से काफी दूरी पर हैं. ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के बनने से राजगीर सीधे देश और दुनिया से जुड जाएगा. इससे देश के साथ-साथ विदेशों से भी पर्यटकों को राजगीर आने में आसानी होगी. इस तरह से राजगीर में तैयार हो रहा यह ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट हर तरह से बेहद ही खास माना जा रहा है.
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